उज्जैन। एक बार फिर इस वर्ष कोरोना के साये में अक्षय तृतीया का त्योहार मनाया जाएगा। 14 मई को अक्षय
तृतीया है लेकिन न बैंड की आवाज आएगी और न ही ढोल की गूंज सुनाई देगी क्योंकि मांगलिक कार्यो
पर प्रतिबंध लगा हुआ है। गौरतलब है कि आखातीज को अबूझ मुर्हूत माना जाता है तथा इस अवसर पर
बड़ी संख्या में वैवाहिक आयोजन होते है वहीं सामाजिक स्तर पर भी सामूहिक रूप से वैवाहिक कार्यक्रम
संपन्न किए जाते है लेकिन इस वर्ष ऐसा कुछ नहीं हो सकेगा। अक्षय तृतीया के दिन यहां के बाजारों में करोड़ों का कारोबार होता है। इसमें शादी विवाह के साथ सोना चांदी कारोबार, वाहन समेत अन्य कारोबार से भी जुड़ा हुआ है। कोरोना महामारी के बढ़ते प्रभाव का ही असर है इस वर्ष भी पिछले वर्ष की भांति इसको लेकर कारोबार नहीं हो पाएगा। कहते है कि अक्षय तृतीया के दिन अबूझ मुहूर्त रहता है। इस दिन कोई भी शुभ कार्य बिना मुहूर्त देखे किया जा सकता है। इस दिन दान पुण्य करने से अक्षय फल (कभी न समाप्त होने वाला) की प्राप्ति होती है। इस दिन लोग सोने चादी से बनी चीजों की विशेषतौर पर खरीददारी करते हैं मान्यता है कि इस दिन खरीदी गई चीज में हमेशा बढ़ोत्तरी होती है और सोना खरीदने से सुख-समृद्धि आती है।
इस पावन तिथि पर भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा करने से घर में धन-धान्य आता है। इसको लेकर भले भी इसके आयोजकों में भले ही उत्साह हो परंतु कारोबारियों को निराशा हाथ लग रही है। कई फूल कारोबारियों ने कहा कि इस दिन कई मंडल सजाने के लिए फूलों का पहले से आर्डर देकर मंगाता था। इस वर्ष तो पहले के आर्डर भी रद्द करना पड़ा है। महिलाएं अपने परिवार की समृद्धि के लिए व्रत करती हैं।इस दिन ब्रह्ममुहूर्त में उठकर स्नान करना चाहिए। यदि नदी पर नहीं जा सकते तो घर पर ही स्नान करें। इसके बाद मा लक्ष्मी और नारायण की प्रतिमा पर अक्षत अíपत करेंभगवान के सामने धूप दीप प्रज्वलित करें। चंदन, श्वेत कमल के पुष्प या श्वेत गुलाब आदि से पूजन करें। इसके बाद अपने घर में सुख-समृद्धि की प्रार्थना करें। यदि अक्षय तृतीया पर पर बैंक में नया खाता खोला जाए या पुराने खाते में धन जमा कराया जाए तो धन में निरंतर वृद्धि होती है।इस बार अक्षय तृतीया पर ग्रहों का ऐसा संयोग बना है जो इस दिन को और शुभ और प्रभावशाली बना रहा है। सूर्य इस दिन मेष राशि से वृष राशि में प्रवेश करेंगे। सूर्य के राशि परिवर्तन से इस दिन वृष राशि में सूर्य बुध के संयोग से बुधादित्य योग बनेगा। इस दिन शुक्र स्वराशि वृष में रहेंगे। इस पर शुभ संयोग यह भी बना है इस दिन चंद्रमा उच्च राशि होंगे। अक्षय तृतीया पर चंद्रमा का शुक्र के साथ शुक्रवार को वृष राशि में गोचर करना, धन, समृद्धि और निवेश के लिए बहुत ही शुभ फलदायी है। अक्षय तृतीया पर चंद्रमा संध्या काल में मिथुन राशि में प्रवेश करेंगे।
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