काठमांडू। नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली को एक ही दिन में दो बड़ें झटके लगे हैं। सुप्रीम कोर्ट की ओर से ओली सरकार के 7 मंत्रियों को बर्खास्त करने का आदेश देने के कुछ ही घंटे के बाद ओली को दूसरा बड़ा झटका लगा है। ओली सरकार में गृह मंत्री रहे राम बहादुर थापा को राष्ट्रीय सभा के चुनाव में पराजय मिली है। दल बदलने के कारण थापा की संसद सदस्यता चली गई थी जिसके बाद रिक्त स्थान पर आज गुरुवार को दोबारा मतदान हुआ था। संसद के उच्च सदन राष्ट्रीय सभा के लिए हुए मतदान में गृह मंत्री थापा को ओली की पार्टी के बागी उम्मीद्वार ने पराजित कर दिया है। नेपाल के उच्च सदन में प्रदेश के विधायक और पालिका के मेयर और उपमेयर मतदाता होते हैं। सबसे अधिक मत सत्तारूढ़ पार्टी के पक्ष में होने के बावजूद गृह मंत्री को उनकी ही पार्टी के बागी उम्मीदवार खिमलाल देवकोटा ने पराजित कर दिया है।
'ईश्वर' शब्द नहीं बोलने पर हुआ था विवाद
इससे पहले पिछले हफ्ते प्रधानमंत्री केपी ओली विवादों में आ गए थे। शुक्रवार को केपी शर्मा ओली ने बतौर नेपाल के प्रधानमंत्री तीसरी बार शपथ ली थी। लेकिन इस दौरान उनके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में चार-चार याचिकाएं दायर कर दी गईं। केपी ओली ने शुक्रवार को हुए शपथ समारोह में शपथ लेने के दौरान 'ईश्वर' शब्द का इस्तेमाल नहीं किया। राष्ट्रपति विद्या देवी भंडारी ने जब ईश्वर, देश और लोगों का जिक्र किया तो उनकी बातों को दोहराते हुए पीएम ओली ने 'ईश्वर' शब्द का इस्तेमाल नहीं किया।
राष्ट्रपति की तरफ से दो बार 'ईश्वर' शब्द का इस्तेमाल हुआ लेकिन पीएम ओली ने एक बार भी उसको नहीं बोला। लोगों की नजर में यह राष्ट्रपति और उनके पद का अपमान था। इसी वजह से कई लोगों ने उनके इस शपथ को ही अवैध करार दे दिया और मांग करने लगे कि उन्हें फिर से शपथ दिलवाई जाए। हालांकि विवाद पर सुप्रीम कोर्ट की ओर से केपी ओली को खासी राहत मिली। कोर्ट ने साफ कर दिया कि अभी के लिए वो इस मामले में कोई भी अंतरिम आदेश जारी नहीं करने जा रहे हैं।
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