अकांशु उपाध्याय
नई दिल्ली। कोविड-19 से पीड़ित व्यक्ति के इलाज के लिए सरकारी क्षेत्र के बैंकों ने बड़ी घोषणा की है। अब सरकारी बैंकों से कोरोना के लिए इलाज के लिए 5 लाख का ऋण दिया जाएगा। खास बात यह होगी कि यह कर्ज बिना किसी सिक्योरिटी के दिया जाएगा ताकि लोग अपना या परिवार में कोरोना पीड़िता का इलाज करवा सकें। बैंकों ने यह फैसला ऐसे समय लिया है जब कोरोना वायरस की दूसरी लहर देश में हर आय वर्ग के लोगों पर कहर बनकर टूटी है।
बैंकों की यह घोषणा रविवार को जारी किए तीन नए कर्ज कार्यक्रमों का हिस्सा है, जो वैक्सीन निर्माताओं, अस्पतालों, पैथोलॉजी लैब, ऑक्सीजन के निर्माताओं और आपूर्तिकर्ताओं, वेंटिलेटर, टीका खरीदने वालों और कोविड की दवाओं, लॉजिस्टिक्स फर्मों और इससे पीड़ित व्यक्तियों को नए ऋण सहायता प्रदान करने के लिए हैं।
5 लाख तक का निजी लोन
इंडियन बैंक एसोसिएशन और स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने एक संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में इसकी घोषणा की जिसमें कहा गया है कि वेतनभोगी, गैरवेतन भोगी और पेंशनर कोविड-19 से इलाज के लिए 25,000 रुपये से लेकर 5 लाख तक का निजी लोन ले सकेंगे। इस कर्ज को 5 साल के अंदर वापस करना होगा। इस कर्ज पर एसबीआई 8.5 प्रतिशत सालाना ब्याज लेगी। दूसरे बैंकों ने अभी अपनी ब्याज दर की घोषणा नहीं की है।
सरकारी बैंकों ने ईसीजीएलएस के तहत पॉवर बैक अप सिस्टम के साथ ऑक्सीजन संयंत्र स्थापित करने के लिए मौजूदा अस्पतालों, नर्सिंग होम को 2 करोड़ रुपये तक स्वास्थ्य देखभाल व्यवसाय ऋण देने की पेशकश की है। 7.5% की ब्याज दर से दिए जाने वाले इस कर्ज को ईसीएलजीएस 4.0 के तहत नेशनल क्रेडिट गारंटी ट्रस्टी कंपनी लिमिटेड (NCGTC) के तहत 100% गारंटी कवर मिलेगा। जिसकी घोषणा वित्तीय सेवा विभाग और भारत सरकार द्वारा की गई थी। इस कर्ज को भी वापस करने की अवधि 5 वर्ष है।
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