चंडीगढ़। स्वास्थ्य एंव गृहमंत्री अनिल विज ने कोरोना महामारी में कोरोना के मरीजों की कोरोना वॉरियर्स बनकर चौबीसों घंटे काम करने वाले पुलिस कर्मियों और मेडिकल स्टाफ के लिए बड़ी घोषणा की है। स्वास्थ्य एंव गृहमंत्री अनिल विज ने कहा कि जो मेडिकल स्टाफ कोरोना वॉरियर्स बन कर कोरोना मरीजों की देखरेख कर रहे हैं और देखरेख करते के दौरान संक्रमित होने और बाद में मेडिकल स्टाफ की जान जाती है तो सरकार ने 50 लाख देने की घोषणा की हुई है। इसी प्रकार से बहुत सारे पुलिस कर्मचारियों की जान गई है, उनको 30 लाख देने सरकार ने घोषणा की हुई है। स्वास्थ्य एंव गृहमंत्री अनिल विज ने कहा कि कोरोना के दौरान कई कोरोना वॉरियर्स की मौत हो गई है, जिस पर हम अपनी संवेदना प्रकट करते हैं। विज ने कहा कि कोरोना वॉरियर्स की कुर्बानी को लेकर कहा कि, उसकी कोई कीमत अदा नहीं नहीं की जा सकती। अनिल विज ने कहा कि ऐसे समय मे जब कोई कोरोना मरीज के पास तक जाना नहीं चाहते हैं, मेडिकल स्टाफ कोरोना वॉरियर्स बन कर उनकी देखरेख कर रहे हैं।
दिल्ली बॉर्डर के साथ लगते गांवों मे कोरोना के संक्रमण के फैलने को लेकर प्रतिक्रिया देते हुए स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने कहा कि सभी गांवों के लिए हमने व्यापक योजना तैयार की है। सभी गांवों मे हम कोरोना केयर सेंटर बना रहे हैं और बकायदा टीमें भी गठित की गई हैं। पांच-पांच लोगों की टीम बनाई है जो घर-घर जाकर लोगों की जांच करेगी। अगर किसी मे कोरोना के लक्षण पाए जाते हैं, तो उसका बाकायदा टेस्ट किया जाएगा, साथ ही जैसी उसकी बीमारी का स्तर होगा उस हिसाब से उसका उपचार किया जाएगा। अनिल विज ने कहा कि कोरोना की जांच और इलाज के लिए गांव के लोग तो तैयार हैं, गांव मे किसी प्रकार की दिक्कत नहीं आ रही है। उन्होंने कहा कि दिक्कत केवल वहां आ रही है, जहां-जहां पर हरियाणा के बॉर्डर पर लोग बैठे हुए हैं।विज ने बताया कि उन्होंने जांच के लिए स्वास्थ्य विभाग की टीमें भी भेजी गईं थी और राई रेस्ट हाउस मे किसान नेताओं की अधिकारियों के साथ मीटिंग करवाई थी, जिसमे उन्होंने टैस्ट कराने से साफ इनकार कर दिया और वैक्सीनेशन के लिए भी उन्होंने यह कहा कि स्वास्थ्य विभाग कैंप लगा दे, लेकिन हम किसी को वैक्सीनेशन के लिए नहीं कहेंगे। अगर कोई वैक्सीनेशन कराना चाहता है तो अपनी इच्छा से करवा सकता है।
गृहमंत्री ने बॉर्डर पर बैठे किसानों से दोबारा से अपील करते हुए कहा कि यह बीमारी है और एक-दूसरे के संपर्क मे आने से फैलती है। इससे स्वयं के खतरा है और दूसरे की जिंदगी भी खतरे मे पड़ती है। इसलिए उनको टैस्ट करवाने चाहिए। वैक्सिन की पहली डोज लगने के बाद दूसरी डोज लगने मे हो रही देरी पर प्रतिक्रिया देते हुए स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने कहा कि सरकार ने इसका समय बढ़ा दिया है। अनिल विज ने कहा कि शुरू मे जब ये कोविशील्ड बनी थी तो तब भी उन्होंने कहा कि इसकी बूस्टर डोज जितने ज्यादा दिन के बाद लगाई जाएगी, उतना इसका प्रभाव ज्यादा होगा, तो अब आईसीएमआर ने फैसला लिया है कि लगभग 6 हफ्ते बाद दूसरी डोज लगाई जा सकती है।
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