नई दिल्ली। साल 2021 का पहला ग्रहण होगा चंद्र ग्रहण। जो 26 मई को लगने जा रहा है। ग्रहण वैशाख पूर्णिमा के दिन लगेगा। ये पूर्ण चंद्र ग्रहण होगा जो दुनिया भर के कई देशों में दिखाई देगा। भारत में चंद्र ग्रहण और सूर्य ग्रहण से पहले सूतक काल लग जाता है। सूतक के समय किसी भी तरह के शुभ कार्यों को करने की मनाही होती है। चंद्र ग्रहण का सूतक ग्रहण लगने से ठीक 9 घंटे पहले ही शुरू हो जाता है। भारत में उपच्छाया चंद्र ग्रहण दिखाई देगा।
कहां देगा दिखाई?
पूर्वी एशिया, प्रशांत महासागर, उत्तरी व दक्षिण अमेरिका के ज्यादातर हिस्सों और ऑस्ट्रेलिया से पूर्ण चंद्रग्रहण दिखाई देगा। भारत के अधिकांश हिस्सों में पूर्ण ग्रहण के दौरान चंद्रमा पूर्वी क्षितिज से नीचे होगा और इसलिए देश के लोग पूर्ण चंद्रग्रहण नहीं देख पाएंगे। लेकिन पूर्वी भारत के कुछ हिस्सों के लोग आंशिक चंद्र ग्रहण का आखिरी हिस्सा ही देख पाएंगे, वह भी पूर्वी आसमान से बहुत करीब, जब चंद्रमा निकल ही रहा होगा।
इस नक्षत्र और राशि पर पड़ेगा इसका प्रभाव:
चंद्र ग्रहण वृश्चिक राशि और अनुराधा नक्षत्र में लगने जा रहा है। इसलिए इस राशि और नक्षत्र के जातकों पर इसका सबसे अधिक प्रभाव पड़ेगा। आपके बनते हुए काम बिगड़ने के आसार रहेंगे। स्वास्थ्य को लेकर चिंता बनी रहेगी। वाद-विवाद का सामना करना पड़ेगा। वाणी में कटुता आने से करीबी संबंध बिगड़ेंगे।
चंद्र ग्रहण के बुरे प्रभाव से बचने के उपाय:
चंद्र ग्रहण के बुरे प्रभाव से बचने के लिए ग्रहण खत्म होने के बाद किसी पवित्र नदी या फिर स्नान करने वाले जल में गंगा जल डालकर स्नान कर स्वच्छ हो जाएं। स्नान के बाद जरूरतमंदों को यथा संभव खाद्य पदार्थों का दान कर देना चाहिए। इससे चंद्र ग्रहण का बुरा प्रभाव नहीं पड़ता है।
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