अकांशु उपाध्याय
नई दिल्ली। उद्योगपति मुकेश अंबानी की कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड ने देश के अलग-अलग हिस्सों में तेजी से ऑक्सीजन पहुंचाने के लिए विदेश से 24 टैंकर एयरलिफ्ट किए हैं।
रिलायंस ने ऑक्सीजन की कड़ी को पुख्ता करने के लिए सऊदी अरब, जर्मनी, बेल्जियम, नीदरलैंड और थाईलैंड से 24 ऑक्सीजन टैंकर्स एयरलिफ्ट किए। देश में तरल ऑक्सीजन की कुल परिवहन क्षमता में इससे 500 टन का इजाफा हुआ है।
टैंकर्स एयरलिफ्ट करने में भारतीय वायुसेना का भी भरपूर सहयोग रहा। वहीं रिलायंस के पार्टनर्स सऊदी अरामको और बीपी ने ऑक्सीजन टैंकर्स की अधिग्रहण में मदद की। रिलायंस ने भारतीय वायुसेना और सहयोगी कंपनियों का आभार जताया है।
रिलायंस जामनगर तेल रिफाइनरी में प्रतिदिन 1000 टन से अधिक मेडिकल-ग्रेड ऑक्सीजन का उत्पादन कर रहा है। यह ऑक्सीजन कोविड-19 से बुरी तरह प्रभावित राज्यों को मुफ्त में दी जा रही है। यह कंपनी देश में करीब 11 प्रतिशत मेडिकल ग्रेड ऑक्सीजन का उत्पादन कर रही है।
अंबानी, रिलायंस के मिशन ऑक्सीजन की निगरानी खुद कर रहे हैं। उनके नेतृत्व में रिलायंस दोहरी रणनीति पर काम कर रहा है। रिलायंस की जामनगर स्थित रिफाइनरी के बहुत से प्रक्रिया में बदलाव कर ज्यादा से ज्यादा जीवनदायी ऑक्सीजन का निर्माण किया जा रहा है और लोडिंग और परिवहन क्षमताओं को बढ़ाया जा रहा है।
रिलायंस की जामनगर रिफाइनरी में कच्चे तेल से डीजल, पेट्रोल, और जेट ईंधन जैसे उत्पाद बनाए जाते हैं, यहां मेडिकल-ग्रेड ऑक्सीजन का उत्पाद नहीं किया जाता था। लेकिन कोरोनोवायरस के मामलों में जिस तेजी से वृद्धि हुई है और ऑक्सीजन की मांग बढ़ी है, उसको देखते हुए रिलायंस ने अपने प्रोसेस में बदलाव कर मेडिकल-ग्रेड ऑक्सीजन का उत्पादन शुरू कर दिया।
देश में ऑक्सीजन की लोडिंग और आपूर्ति एक बड़ी बाधा बनकर उभरी है। रिलायंस के इंजीनियर ने इसका हल नाइट्रोजन टैंकर्स को ऑक्सीजन टैंकर्स में बदल कर खोज निकाला।
रिलायंस के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने कहा "जब भारत कोविड-19 की दूसरी लहर के खिलाफ लड़ रहा है तब मेरे लिए और रिलायंस में हम सभी के लिए, जीवन बचाने से ज्यादा महत्वपूर्ण कुछ नहीं है।
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