नई दिल्ली।कोरोना वैक्सीन कंपनी भारत बायोटेक ने गुजरात के अंकलेश्वर में चिरोन बेहरिंग वैक्सीन (भारत बायोटेक की पूर्ण स्वामित्व सहायक कंपनी) में कोवाक्सिन के लिए अतिरिक्त विनिर्माण क्षमताओं को तुरंत बढ़ाने की घोषणा की है। भारत बायोटेक की ओर से जारी बयान में यह बताया गया है कि कंपनी अपने गुजरात प्लांट के साथ 1 साल के अंदर 'कोवाक्सिन' की 20 करोड़ खुराक बनाने जा रही है और इसके लिए अलग-अलग जगहों पर बहुत तेजी से काम हो रहा है। भारत बायोटेक ने कहा कि टीका के क्षेत्र में क्रांति आने वाली है और इसके लिए अतिरिक्त लैब्स की भी व्यवस्था की जा रही है।भारत बायोटेक ने गुरुवार को कहा कि देश में टीकों की कमी को पूरा करने के लिए उसने गुड मैन्युफैक्चरिंग प्रैक्टिस(GMP) नियमों के तहत हर साल कोवैक्सीन की 20 करोड़ डोज उत्पादन करने की योजना बनाई है। इस योजना के तहत अंकलेश्वर में कोवाक्सीन का उत्पादन 2021 की चौथी तिमाही से शुरू होगा।
भारत बायोटेक को एक और सफलता
बता दें कि बीते मंगलवार को नीति आयोग के सदस्य डॉ. वीके पॉल ने कहा था कि भारत बायोटेक अब 2-18 वर्ष की आयु वर्ग के लिए टीके का परीक्षण करेगी। कंपनी को इसके लिए ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) से चरण दो और तीन के परीक्षण की मंजूरी मिल गई है। वीके पॉल ने कहा कि अगले 10-12 दिनों में इसके क्लीनिकल ट्रायल शुरू हो जाएंगे।
कंपनी ने मांगी थी अनुमति
बता दें कि इससे पहले केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) की कोविड-19 विषय विशेषज्ञ समिति ने 11 मई को भारत बायोटेक द्वारा किए गए उस आवेदन पर विचार-विमर्श किया, जिसमें उसके कोवाक्सीन टीके की दो साल से 18 साल के बच्चों में सुरक्षा और रोग-प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने समेत अन्य चीजों का आकलन करने के लिए परीक्षण के दूसरे/तीसरे चरण की अनुमति देने का अनुरोध किया गया था। वहीं अब ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) से भी अनुमति मिल गई जिससे ट्रायल का रास्ता साफ हो गया।
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