नई दिल्ली। वैज्ञानिकों ने एक नई किस्म की सेंसर प्रणाली विकसित की है जिसमें लार के नमूने लेकर नोवेल कोरोना वायरस का पता एक सेकेंड के भीतर ही चल जाएगा। यह प्रक्रिया वर्तमान की जांचों से कहीं अधिक तेजी से परिणाम देती है। इस जांच में, कोरोना वायरस संक्रमण का पता लगाने के लिए बहुत अधिक संख्या में वायरल बायोमार्कर की आवश्यकता पड़ती है। यह पॉलीमेरिज चेन रिएक्शन (पीसीआर) या अन्य प्रक्रियाओं के जरिए किया जा सकता है।इस तेज प्रणाली की जानकारी ‘वैक्यूम साइंस ऐंड टेक्नोलॉजी बी’ नाम की पत्रिका में दी गई है। अभी तक रिवर्स ट्रांसक्रिप्शन पॉलीमेरिज चेन रिएक्शन (आरटी-पीसीआर) को ही कोविड-19 का पता लगाने के लिए सबसे उपयुक्त जांच माना जाता है। लेकिन इसके परिणाम मिलने में कुछ घंटे से लेकर कुछ दिन तक का समय लग जाता है।
फ्लोरिडा विश्वविद्यालय से जुड़े मिंघान शियान कहते हैं, ”इस प्रणाली से जांच में लगने वाला समय कम होगा। इसमें जो बायोसेंसर स्ट्रिप है वह सामान्य तौर पर उपलब्ध ग्लुकोज स्ट्रिप जैसी दिखती हैं।” शोधकर्ताओं का कहना है कि इस प्रक्रिया से जांच का शुल्क भी कम होगा। इस प्रक्रिया का इस्तेमाल न केवल कोविड-19 बल्कि अन्य रोगों का पता लगाने के लिए भी किया जा सकता है।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
Thank you, for a message universal express.