बुधवार, 14 अप्रैल 2021

अंबेडकर-ज्योतिबा की जयंती को धूमधाम से मनाया

मेरठ। बहुजन मुक्ति पार्टी के कार्यकर्ताओं ने डॉ. बाबा भीमराव अंबेडकर व राष्ट्रपिता ज्योतिबा फुले की जयंती को बड़े धूमधाम से गांव-गांव शहर-शहर मनाया।इसी मौके पर बहुजन मुक्ति पार्टी के प्रदेश मीडिया प्रभारी एवं मेरठ मंडल अध्यक्ष आर डी गादरे ने अपने वक्तव्य में कहा, कि राष्ट्रपिता महात्मा ज्योतिबा फुले एवं महामानव डॉक्टर बाबा भीम राव अंबेडकर साहब या महापुरुषों को दूध से नहलाने या ढकोसला आडंबर बाजी दिखावा से बेहतर है कि उनके बताए दिशा निर्देश पर शिक्षा प्राप्त कर शिक्षित हो, संगठित हो। संघर्ष करे की नीति पर चलकर समाज के लिए कार्यरत रहे ना कि पत्थर पूजा आडंबर बाजी मूर्तियों को दूध से नहलाना यह दिखावा ना करके आज के दिन हम लोग सफर में कि आने वाले वक्त में हम लोग इन चीजों से दूर रहकर बाबा साहब की अपने महापुरुषों की इज्जत कराने हेतु भारतीय संविधान की रक्षा हमेशा करेंगे और करवाते रहेंगे मनुस्मृति को भारत देश में स्थापित नहीं होने देंगे।
बाबा साहब के अनुयाई 14 अप्रैल पर दिमाग की खुराक देते हैं। जबकि, जो बाबा साहब की बात नहीं मानते और बाबा साहब को मानते हैं। वह भंडारा आदि लगाकर पेट की खुराक देते हैं। अगर बाबा साहब भी बहुजन समाज को दिमाग की खुराक नहीं देते तो आज उन्हें अधिकार संपन्न नहीं करा पाते लोगों की समझ में आज तक बाबा साहब की सिंपल से सिंपल बातें भी नहीं आ पाई हैं। यह दुखद है। जबकि, बाबा साहब डॉक्टर भीमराव अंबेडकर साहब ने कहा था कि शिक्षित बनो, संगठित बनो और संघर्ष करो। बहुजन समाज शिक्षित होने का मतलब केवल एकेडेमिक शिक्षा से समझ बैठा। जबकि, सामाजिक शिक्षा एकेडमिक शिक्षा के साथ-साथ होती है तो ही शिक्षा पूर्ण मानी जाएगी और बाबा साहब ने अपने चरित्र द्वारा इस को सिद्ध किया है। राष्ट्रपिता महात्मा ज्योतिबा फूले को अपना गुरु मानते हैं। संगठित होने से मतलब अलग-अलग संगठन बनाकर ताकत का खंडन करना नहीं है। बल्कि, एक मंच पर आकर एक संगठन के साथ मिलकर ताकत का निर्माण करने से है। उसके बाद संघर्ष करना का मतलब है कि अपनी मूलनिवासी बहुजन समाज आजादी के लिए संघर्ष करने के सम्बंध में है।
यह तीनों शिक्षित बनो, संगठित बनो और संघर्ष करो का मतलब होता है। लेकिन, बहुजन समाज इन नारों को आज तक नहीं समझ पाया है। बहुजन समाज बाबा साहब के बताए हुए रास्तों पर चलेगा और अपनी संपूर्ण आजादी के लिए समय श्रम बुद्धि हुनर पैसा लगाएगा इस आशा और विश्वास के साथ आप सभी मूलनिवासी बहुजन समाज के लोगों को बाबा साहब डॉक्टर भीमराव अंबेडकर जयंती की हार्दिक शुभकामनाएं देने में आरडी गादरे खुर्शीद आलम दिनेश कुमार रोहतास जाटव मुकेश वाल्मीकि, मोहम्मद आसिफ, एडवोकेट आवेश सैफी, सुखदेव सिंह, गुरमेज सिंह, सत्येंद्र गौतम, प्रथमेश कामले, गीता पैट्रिक, मनोज कुमार, रहीमुद्दीन धीरेंद्र गुर्जर, महेश वाल्मीकि, प्रवीण वाल्मीकि, मनीष कश्यप दीन, मोहम्मद सलमानी, आजाद खान, ओमवीर सिंह, महताब आलम, इकबाल सैफी, मिथिलेश जाटव, डॉ खुर्शीद चौधरी, नूर मोहम्मद सैफी, इरफान मलिक, चौधरी इतिहास आदि मौजूद रहे।

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