अश्वनी उपाध्याय
गाजियाबाद। आखिरकार जिला प्रशासन ने मान ही लिया है कि गाज़ियाबाद में कोविड19 संक्रमण काबू से बाहर हो गया है और मरीजों को अस्पतालों में भर्ती करने के लिए मारामारी हो रही है। प्रशासन ने यह भी माना है कि अस्पतालों में कम तीव्रता वाले, कम गंभीर और लक्षण विहीन मरीजों को डिस्चार्ज नहीं किया जा रहा है।आपको बता दें कि ये वे प्रभावशाली मरीज हैं जो गंभीर नहीं है। लेकिन अपनी पहुँच और पैसे के बल पर अस्पताल में बिस्तर घेरे हुए हैं। ऐसे मरीजों का इलाज होम आइसोलेशन में भी हो सकता है। जिला प्रशासन ने माना है कि ऐसे मरीजों के कारण ऐसे मरीजों को इलाज नहीं मिल पा रहा है, जिनका जीवन खतरे में है।
स्थिति की गंभीरता को देखते हुए आयुक्त, मेरठ मण्डल ने सभी जिलाधिकारियों के साथ एक बैठक कर अस्पतालों की व्यवस्था पर चर्चा की और जिलाधिकारियों को ऑक्सीजन और जरूरी दवाइयों की उपलब्धता सुनिश्चित कराने के निर्देश दिए।
इस बीच जिलाधिकारी गाज़ियाबाद में जिले के उन 34 अस्पतालों की लिस्ट जारी कर दी है। जहां गंभीर मरीज अपना इलाज करा सकते हैं। आश्चर्य की बात है कि संकट के इस समय में भी जिला प्रशासन कुछ अस्पतालों पर मेहरबानी करने से बाज नहीं आ रहा है। एनएच-9 स्थित कोलम्बिया एशिया जैसे अनेक बड़े अस्पताल हैं। जहां पर्याप्त व्यवस्था होते हुए भी अज्ञात कारणों से कोविड मरीजों का इलाज नहीं किया जा रहा है।
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