अश्वनी उपाध्याय
गाजियाबाद। मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर में उच्च स्तरीय व कम रखरखाव वाले आरआरटीएस ट्रैक को बिछाने से संबंधित कार्य रिकॉर्ड समय में शुरू होने जा रहा है। इस हाई-स्पीड रेल सिस्टम के लिए व्यापक रूप से प्रचलित अंतरराष्ट्रीय मानकों पर परखी हुई ट्रैक प्रौद्योगिकी अपनायी गयी है। जो आरआरटीएस संचालन के दौरान यात्रियों को सुरक्षा और आराम सुनिश्चित करेंगे। इस उन्नत ट्रैक प्रौद्योगिकी को अपनाने के साथ एनसीआरटी प्रौद्योगिकी के संदर्भ में कई ऐसे मुकाम हासिल कर लेगा। जो भारत में पहले उपलब्ध नहीं थे। प्रीकास्ट ट्रैक स्लैब के निर्माण के लिए शताबदीनगर, मेरठ में प्री-कास्ट ट्रैक स्लैब फैक्ट्री का पहले ही निर्माण किया जा रहा है। इन ट्रैक स्लैब को साइट पर ले जाया जाएगा और वायडक्ट स्लैब पर फिट किया जाएगा। यह बहुत सटीक स्तर पर तेजी से ट्रैक बिछाने को सुनिश्चित करेगा। आरआरटीएस ट्रैक उच्च-प्रदर्शन वाले होंगे और इनके लिए कम रखरखाव की आवश्यकता होगी। जो ट्रैक के जीवन-चक्र लागत को कम रखेगा। भारत सरकार के मेक इन इंडिया पहल के तहत मेसर्स जेसपीएल द्वारा रायगढ़, भारत में निर्माण की जा रही 880 ग्रेड रेल का पहला हिस्सा दुहाई, गाजियाबाद के रख-रखाव डिपो में ट्रैक बिछाने के लिए आ चुका है। भूमिगत और एलिवेटेड, दोनों हिस्सों में बिछाने के लिए आरआरटीएस ट्रैक के हेड हार्डेंड रेल आने वाले समय में पहुंचने वाला है।
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