बीजिंग। चीन के शिनजियांग प्रांत के मसले पर पश्चिमी बहुराष्ट्रीय कंपनियों के लिए बड़ा असमंजस पैदा हो गया है। शिनजियांग में मानव अधिकारों के कथित हनन के मामले में चीन की आलोचना करने वाली कंपनियों को चीन में तीखी प्रतिक्रिया और बहिष्कार का सामना करना पड़ा है। इससे दूसरी कंपनियों के सामने सवाल खड़े हुए हैं। एक तरफ उन पर पश्चिम में ‘नैतिक’ रुख अपनाने का दबाव है तो दूसरी तरफ उन्हें चीन के बड़े बाजार में संभावित नुकसान के बारे में सोचना पड़ रहा है। चीन में पिछले दिनों सोशल मीडिया पर जताए गए गुस्से के बाद उपभोक्ताओं ने एचएंडएम, नाइकी, एडिडास, बर्बरी, यूनिक्लो और जारा कंपनियों के उत्पादों का बहिष्कार शुरू कर दिया। चीन में उत्पादित होने वाले कुल कपास का 80 फीसदी हिस्सा शिनजियांग में पैदा होता है। वहां कथित तौर पर जबरिया मजदूरी कराए जाने के आरोपों के बाद उपरोक्त कंपनियों ने वहां के कॉटन का इस्तेमाल ना करने का फैसला किया था।
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