मेरठ। सैफी संघर्ष समिति 161 के सैफी सम्मेलन और स्थापना दिवस के मौके पर बहुजन मुक्ति पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव एवं उत्तर प्रदेश प्रभारी मोहम्मद कामिल अतिथि के रूप में बुलवाया। लेकिन, उनको मंच पर जगह नही दी गई। मंच पर जगह न दिए जाने पर बहुत लोगों में रोष व्याप्त दिखाई दिया और कामिल साहब जनता के बीच बैठे।
जबकि, बहुजन मुक्ति पार्टी कि प्रदेश प्रभारी मोहम्मद कामिल ने स्टेज से मुस्लिम समाज को यदि स्कूल कॉलेज या शिक्षा के लिए कभी या हॉस्पिटल के लिए कोई जरूरत पड़ती है तो 20 25 लाख रुपए से बहुजन मुक्ति पार्टी पीछे नहीं हटेगी और समाज में उत्थान के लिए हमेशा तैयार हैं।
बहुजन मुक्ति पार्टी के प्रदेश मीडिया प्रभारी एवं मेरठ मंडल अध्यक्ष से पूछने पर उन्होंने बताया, कि सैफी समाज के संस्थापक मोहम्मद कयूम सैफी और रईसुद्दीन राष्ट्रीय अध्यक्ष को सब जानकारी थी और उन्होंने ही कहा था कि पूरी तरीके से मान सम्मान दिया जाएगा। कयूम साहब ने ही फोन पर वार्तालाप की थी, कि आर डी गादरे ने बताया, कि हमें मंच की जरूरत नहीं बल्कि आम जनता के प्यार की जरूरत है और यह भी हमारा मान सम्मान है।
हम अपने समाज के लिए पूरी मुस्लिम को ही नहीं पिछड़ा वर्ग अनुसूचित वर्ग अनुसूचित जनजाति हो या दबा कुचला हो या अन्य कोई वर्ग हो हम मूलनिवासी बहुजन समाज के लिए तत्पर खड़े हैं और जमीनी लड़ाई लड़ रहे हैं और लड़ते रहेंगे। आखिरी दम तक हमारी यदि सरकार बनती है तो आने वाले वक्त में बहुजन मुक्ति पार्टी दबे कुचले वर्ग के लिए और कमा कर खाने वाले वर्ग के लिए फ्लैट रेट पर बिजली का मुहैया कराएगी और घर घर कल कारखाने खोले जाएंगे और सरकारी नौकरियों में ही नहीं राजनीति में भी जितनी जिसकी संख्या भारी उतनी उसकी हिस्सेदारी दिलाई जाएगी।
हम लोग व्यवस्था परिवर्तन करके रहेंगे जो आज मनुवादी व्यवस्था देश पर काबिज है। उससे हमारी जंग बराबर चलेगी और ब्राह्मणवाद को खत्म करके भारतीय संविधान समानता का माहौल कायम करेगी। जिससे आम जनता को बिजली फ्री बराबर मिले और वह अपना व्यापार बढ़ाएं। सैफी सम्मेलन में समाजवादी पार्टी का कब्जा दिखाई दिया। सैफी समाज के हित की बात ना होकर समाजवादी पार्टी की राजनीतिक बातें ही सुनाई दी।
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