राणा ओबराय
नारनौल। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री ओमप्रकाश यादव ने कहा कि महात्मा जोतिबा फुले व संविधान निर्माता डॉक्टर भीमराव अंबेडकर महान व्यक्तित्व के धनी थे। दोनों का उद्देश्य सामाजिक चेतना के माध्यम से देश में बदलाव लाना था। यादव आज स्थानीय अपार होटल में स्लम जागृति समिति द्वारा इन महान विभूतियों की जयंती पर आयोजित एक कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे। इस मौके पर भिवानी महेंद्रगढ़ के सांसद चौधरी धर्मवीर सिंह भी विशिष्ट अतिथि के तौर पर मौजूद थे। इस मौके पर सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री ने स्लम जागृति समिति को 5 लाख का अनुदान दिया। स्लम जागृति समिति की ओर से गरीब व जरूरतमंद स्कूली बच्चों को 200 स्कूल बैग वितरित किए।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए श्री यादव ने कहा कि गुलामी के उस दौर में लोगों के मन में सकारात्मक भाव भरना तथा उनमें जागृति पैदा करना बहुत ही मुश्किल काम था। ऐसे दौर में इन दोनों महान विभूतियों ने न केवल समाज में जागृति पैदा करने का काम किया। बल्कि उन्हें शैक्षणिक तौर पर मजबूत करने का काम भी किया। उन्होंने कहा कि महात्मा जोतिबा फुले एक भारतीय समाज सुधारक, समाज प्रबोधक, विचारक, समाजसेवी, लेखक, दार्शनिक तथा क्रान्तिकारी कार्यकर्ता थे। महिलाओं व दलितों के उत्थान के लिय इन्होंने अनेक कार्य किए। समाज के सभी वर्गो को शिक्षा प्रदान करने के ये प्रबल समथर्क थे। वे भारतीय समाज में प्रचलित जाति पर आधारित विभाजन और भेदभाव के विरुद्ध थे। उनका मूल उद्देश्य स्त्रियों को शिक्षा का अधिकार प्रदान करना, बाल विवाह का विरोध, विधवा विवाह का समर्थन करना रहा है। श्री यादव ने कहा कि फुले ने स्त्रियों की तत्कालीन दयनीय स्थिति से ज्योतिबा फुले बहुत व्याकुल और दुखी होते थे इसीलिए उन्होंने दृढ़ निश्चय किया कि वे समाज में क्रांतिकारी बदलाव लाकर ही रहेंगे। उन्होंने अपनी धर्मपत्नी सावित्रीबाई फुले को स्वयं शिक्षा प्रदान की। सावित्रीबाई फुले भारत की प्रथम महिला अध्यापिका थीं। इस मौके पर भिवानी-महेंद्रगढ़ लोकसभा क्षेत्र के सांसद चौधरी धर्मबीर सिंह ने कहा कि ने देश को ज्योतिबा फूले के शिक्षा के क्षेत्र में लोगों को साक्षर करने के लिए बहुत कार्य किया। वहीं बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर ने एक ऐसा सविधान दिया। जिसमें बिना किसी भेदभाव हर नागरिक को समान अधिकार प्रदान किए। इसी मजबूत संविधान के कारण ही आज हम विश्व के सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश की श्रेणी में खड़े हैं। हमारा संविधान लचीला है पर साथ ही यह मज़बूत भी। यही कारण है कि सविधान के आगे सभी एक समान हैं। इस मौके पर स्लम जागृति समिति के प्रधान भागीरथमल खनगवाल, राजेश्वरी इंदौरा, बंशीधर बुमरा, सारदा खन्ना, बसपा जिला अध्यक्ष डा गजे सिंह चौपड़ा, दीपक पटिकरा, नितिन इंदौरा, महेंद्र खन्ना, डॉ सिद्धांत, अमीलाल डाबला, रेखा कौथल, व्यापार मंडल के प्रधान बजरंगलाल अग्रवाल, रोहताश चेयरमैन व राजेश उर्फ़ बंटी ठेकेदार के अलावा अन्य गणमान्य नागरिक मौजूद थे।
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