आयुष मंत्रालय के आयुष क्वाथ का मानकीकरण करने वाले प्रो. द्विवेदी बाते हैं कि सरसों तेल में इसेंशियल ऑयल्स होते हैं। जो दालचीनी से 10 गुना अधिक वायरस रोधक सक्षम होते हैं। इसके तत्व फंगश प्रतिरोधक, वायरस प्रतिरोधक भी है। वहीं नारियल तेल में मौजूद लॉरिक एसिड से वायरस के सेल वॉल रप्चर यानी फूट जाते हैं। सरसों एवं नारियल तेल दोनों ही वायरस को शरीर में घुसने से रोकने में सहायक माने जाते हैं।
नारियल के तेल में लॉरिक एसिड होती है। जो वायरस के सेल में मेंबरेन को क्रास करती है। सेल के भीतर जाती है और वह वहां लॉरेट साल्ट में बदल जाती है। वह वायरस के सेल वॉल को रप्चर यानी फोड़ देती है। जिससे वायरस का वहीं पर अंत हो जाता है। इस प्रकार दोनों वायरस के शरीर में घुसने से रोकने में वरदान साबित हो सकते हैं।
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