वाशिंगटन डीसी। दुनिया की दिग्गज बैंकिंग कंपनियों में शुमार सिटीबैंक अब भारत में अपना कारोबार समेटने की तैयारी में है। अमेरिका के सिटीबैंक ने भारत में कंज्यूमर बैंकिंग बिजनेस से बाहर निकलने का ऐलान किया है। आखिर ये फैसला बैंक ने क्यों लिया और इसके बाद खाताधारकों और कर्मचारियों पर क्या असर होगा ?
सिटी बैंक के रीटेल बिजनेस में क्रेडिट कार्ड, सेविंग बैंक अकाउंट और पर्सनल लोन जैसे सेगमेंट शामिल हैं। भारत में रीटेल बैंकिंग से बाहर निकलने के फैसले पर सिटीबैंक ने कहा कि ये उसकी वैश्विक रणनीति का हिस्सा है। सिटी बैंक ने ग्लोबल लेवल पर यह फैसला किया है कि वह 13 मार्केट में अपने कारोबार से बाहर निकल जाएगी। सिटीबैंक अब सिर्फ कुछ संपन्न देशों पर ही फोकस करेगी।
बैंक के कंज्यूमर बैंकिंग बिजनेस में क्रेडिट कार्ड्स, रिटेल बैंकिंग, होम लोन और वेल्थ मैनेजमेंट शामिल है। सिटीबैंक की देश में 35 शाखाएं हैं और उसके कंज्यूमर बैंकिंग बिजनेस में करीब 4,000 लोग काम करते हैं। सिटीबैंक के ग्लोबल सीईओं जेन फ्रेजर ने कहा कि इन क्षेत्रों में कंपटीशन का माहौल नहीं है। इसी के चलते बैंक ने ये फैसला किया है। सिटीबैंक के रीटेल बिजनेस से बाहर निकलने के लिए रेगुलेटरी मंजूरियों की जरूरत होगी।
सिटी इंडिया के सीईओं आशु खुल्लर ने कहा कि हमारे ऑपरेशंस में तत्काल कोई बदलाव नहीं आया है और इस घोषणा से हमारे साथियों पर तत्काल कोई असर भी नहीं होगा। हम अपने ग्राहकों की सेवा में कोई कमी नहीं रखेंगे उन्होंने कहा कि इस घोषणा से बैंक की सेवाएं और मजबूत होंगी संस्थागत बैंकिंग कारोबार के अलावा, सिटी अपने मुंबई, पुणे, बेंगलुरू, चेन्नई और गुरुग्राम केंद्रों से ग्लोबल कारोबार पर ध्यान देता रहेगा सिटीबैंक ने 1902 में भारत में कदम रखा था और 1985 में बैंक ने कंज्यूमर बैंकिंग बिजनस शुरू किया था।
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