शनिवार, 24 अप्रैल 2021

200 जवानों को 'गुरिल्ला युद्ध' पर लंबा प्रशिक्षण दिया

अकांशु उपाध्याय                     
नई दिल्ली/ एबूजा। भारतीय सेना ने नाइजीरियाई सेना के 200 जवानों को 'गुरिल्ला युद्ध' पर तीन महीने का लंबा प्रशिक्षण दिया है। अब दोनों देशों के बीच रक्षा सहयोग को बढ़ावा देने के मकसद से​​नाइजीरियाई सेना के 06 अधिकारियों को हेलीकॉप्टर उड़ाने का प्रशिक्षण दिया जायेगा​।​ ​प्रथम चरण के लिए शनिवार को एचएएल के साथ वर्चुअली एक समझौते पर हस्ताक्षर किये गए हैं​​।भारत और ​​नाइजीरिया के बीच ​रक्षा निर्यात को बढ़ावा देने के लिए यह समझौता किया गया है​।​​ 
 भारतीय सेना की चार सदस्यीय टीम ने इस साल नाइजीरिया में नाइजीरियाई सेना के 200 जवानों को 'गुरिल्ला युद्ध' पर तीन महीने प्रशिक्षण दिया है। भारतीय सेना के अधिकारियों का कहना है कि सेना की मोबाइल प्रशिक्षण टीम के चार सदस्यों ने नाइजीरिया की पैदल सेना और विशेष बलों के 200 सैनिकों के लिए आतंकवाद निरोधी प्रशिक्षण शिविर लगाया। इस टीम ने गुरिल्ला युद्ध की बारीकियों पर नाइजीरियाई सेना के सैनिकों को प्रशिक्षित किया। नाइजीरियाई सेना के उप प्रमुख ने भारतीय सेना की टीम के प्रयासों की सराहना की है।
नाइजीरियाई सेना (एनए) नाइजीरियाई सशस्त्र बलों का सबसे बड़ा घटक है और भूमि युद्ध संचालन के लिए जिम्मेदार है। नाइजीरियाई सेना परिषद (एनएसी) द्वारा शासित नाइजीरियाई सशस्त्र बलों में सेना, वायु सेना और नौसेना है। नाइजीरियाई सशस्त्र बल की स्थापना रॉयल वेस्ट अफ्रीकन फ्रंटियर फोर्स के रूप में हुई थी। 1956 में रॉयल वेस्ट अफ्रीकन फ्रंटियर फोर्स के नाइजीरिया रेजिमेंट को नाइजीरियाई सैन्य बलों का नाम दिया गया था। इसके बाद अप्रैल, 1958 में नाइजीरिया की औपनिवेशिक सरकार ने नाइजीरियाई सैन्य बलों के ब्रिटिश युद्ध कार्यालय पर नियंत्रण कर लिया। इसके बाद 1960 में स्वतंत्रता प्राप्त होने पर नाइजीरियन सशस्त्र बल का गठन किया गया।

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