भोपाल। मध्यप्रदेश के शहडोल मेडिकल कॉलेज में ऑक्सीजन की सप्लाई का प्रेशर कम होने से 12 कोविड मरीजों की मौत हो गई, सभी आईसीयू में भर्ती थे। घटना रात 12 बजे की है। ऑक्सीजन कम होते ही मरीज तड़पने लगे। इसके बाद अस्पताल में हड़कंप मच गया। ऑक्सीजन सिलेंडरों की व्यवस्था के लिए अफरा तफरी मच गई। मेडिकल प्रबंधन ऑक्सीजन की सप्लाई का प्रेशर बनाने के लिए सिलेंडरों की व्यवस्था में जुट गया। ऑक्सीजन की कमी वाले 12 मरीजों से पहले मेडिकल कॉलेज में ही कोरोना के 10 और मरीजों की मौत हो गई थी। इस तरह कुल 22 मरीजों की जान गई।ऑक्सीजन की कमी के बाद कई मरीजों को ऑक्सीजन मास्क हाथ से दबाना पड़ा। मरीजों को लग रहा था कि शायद सही तरह से दबाने से ऑक्सीजन आ जाए। मामले में पहले मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ. मिलिंद शिरालकर ने 6 मौतों की पुष्टि की। इसके थोड़ी देर बाद ही अपर कलेक्टर अर्पित वर्मा ने 12 मौतें होने की जानकारी दी। घटना के बाद मरीजों ने दिन में कमिश्नर राजीव शर्मा के दौरे पर भी सवाल उठाया। वे कोविड-19 सेंटर का निरीक्षण करने पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने साफ-सफाई और बाकी व्यवस्थाओं को चाक-चौबंद करने की बात कही थी। निरीक्षण के दौरान उनके साथ मेडिकल के डीन के अलावा कलेक्टर डॉ. सतेन्द्र सिंह, अपर कलेक्टर अर्पित वर्मा समेत कई अधिकारी और चिकित्सक मौजूद थे। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने शिवराज सरकार पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा, ‘अब शहडोल में ऑक्सीजन की कमी से मौतों की बेहद दुखद खबर? भोपाल , इंदौर , उज्जैन , सागर , जबलपुर , खंडवा , खरगोन में ऑक्सीजन की कमी से मौतें होने के बाद भी सरकार नहीं जागी? आखिर कब तक प्रदेश में ऑक्सीजन की कमी से यूं ही मौतें होती रहेगी? उन्होंने कहा कि शिवराज आप कब तक ऑक्सीजन की आपूर्ति को लेकर झूठे आंकड़े परोसकर, झूठ बोलते रहेंगे, जनता रूपी भगवान रोज दम तोड़ रही है? प्रदेश भर की यही स्थिति है। अधिकांश जगह ऑक्सीजन का भीषण संकट है? रेमडेसिविर इंजेक्शन की भी यही स्थिति है। सिर्फ सरकार के बयानों और आंकड़ो में ही ऑक्सीजन और रेमउेसिविर उपलब्ध है। लेकिन यह अस्पतालों से गायब है? सरकार कागजी बैठकों से निकलकर मैदानी स्थिति सम्भाले, स्थिति बेहद विकट है। इससे पहले 15 अप्रैल को जबलपुर में लिक्विड प्लांट में आई खराबी के कारण ऑक्सीजन सप्लाई बंद होने से 5 मरीजों की मौत हो गई थी। सभी वेंटिलेटर पर थे। वहीं 4 की हालत गंभीर हो गई थी। यहां के मेडिसिटी अस्पताल में ऑक्सीजन खत्म होने से वेंटिलेटर पर 82 वर्षीय महिला की तड़प-तड़प कर जान चली गई थी। वहीं 4 की मौत सुख-सागर मेडिकल कॉलेज में हुई थी। एमपी में 11,269 लोग कोरोना संक्रमित पाए गए। 6,497 लोग रिकवर हुए और 66 की मौत हो गई। अब तक यहां 3.95 लाख लोग संक्रमण की चपेट में आ चुके हैं। इनमें 3.27 लाख लोग ठीक हो चुके हैं। 4,491 मरीजों की जान चली गई। 63,889 मरीजों का इलाज चल रहा है।
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