हरिओम उपाध्याय
लखनऊ। उत्तर-प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने आज मोहनलालगंज के शेरपुर आंगनवाड़ी केंद्रों पर खेल और पोषण सामग्री वितरित किया। मोहनलालगंज के शेरपुर में राज्यपाल ने खेल एवं पोषण सामग्री वितरण के पश्चात कहा कि ये बच्चे हमारे देश के भविष्य हैं। इन्हें कुपोषण एवं क्षय रोग से मुक्त कराना हम सभी की नैतिक जिम्मेदारी बनती है। उन्होंने संभ्रान्त लोगों, स्वयंसेवी संस्थाओं, अधिकारियों का आह्वान किया कि वे अभियान चलाकर क्षय रोग एवं कुपोषित बच्चों को गोद लेकर उनकी समुचित देखभाल करें ताकि देश को 2025 तक कुपोषण मुक्त किया जा सके। उन्होंने जन सामान्य से भी अपील की कि वे भी अपने राष्ट्र धर्म का पालने करें तथा यदि कहीं पर भी कुपोषित एवं क्षय रोग से ग्रसित बच्चों को देखे तो तत्काल सूचना दें ताकि उन्हे गोद लेकर उनकी समुचित देखभाल हो सके। राज्यपाल ने कहा कि आज का यह कार्यक्रम संस्कार, शिक्षा एवं आरोग्य के लिए समर्पित है। सरकार के द्वारा भी जो गोद भराई के कार्यक्रम कराये जाते हैं। उनका एकमात्र यही उद्देश्य होता कि किसी भी दशा में कुपोषित बच्चा पैदा न हो। उन्होंने जनसमुदाय से अपील की कि गर्भवती महिलाओं के पोषण हेतु जो सरकारी 5,000 की सहायता मिलती है। उसका उपयोग पोषण के लिए ही करें। इसके साथ ही गर्भावास्था के समय से ही अच्छी शिक्षा एवं संस्कार दें। इस अवसर पर उन्होंने महाभारत के चक्रव्यूह तोड़ने के प्रसंग पर चर्चा के दौरान बताया कि अभिमन्यु ने गर्भ में ही चक्रव्यूह तोड़ने की शिक्षा सीख ली थी। इसलिए यदि हम बच्चों को संस्कारवान बनाना चाहते हैं। तो हमें बचपन से बच्चों को कच्चे घड़े की तरह आकार देना होगा। इस अवसर पर राज्यपाल ने आंगनवाड़ी केन्द्रों का मैपिंग करने का निर्देश दिया ताकि उनमें सभी प्रकार की सूचनाएं दर्ज हो जायें। राज्यपाल ने कहा कि उच्च शिक्षण संस्थाओं में तो सभी स्तर की सुविधाएं होती हैं। लेकिन निचले स्तर पर ऐसा नहीं है। हमें यह खाई पाटनी होगी और हमें अपने आंगनवाड़ी केन्द्रों को रूचिकर एवं बच्चों के लिए सुविधा सम्पन्न बनाना होगा।
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