कोलकाता। कुछ भी कहें, लेकिन ममता बनर्जी ने आज शनिवार को बीजेपी के कथित गढ़ में घुसकर हमला बोलने का ऐलान कर दिया है। ममता उसी नंदीग्राम से चुनाव लड़ेंगी। जो तृणमूल छोड़कर बीजेपी में गए शुभेंदु अधिकारी का गढ़ माना जाता है। शुभेंदु अधिकारी कभी ममता के राइट हैंड माने जाते थे। 2011 में उन्होंने इसी नंदीग्राम में किसानों की जमीन हड़पने को लेकर आंदोलन की व्यूह रचना की थी। यानी ममता ने यह मान लिया है, कि उनके लिए फिर उसी कुरुक्षेत्र में वापस लौटकर अपनी ताकत आजमाने का वक्त आ गया है। जहां से उन्होंने बंगान की सियासत में खुद को खड़ा किया था।
यह सभी जानते हैं। कि नंदीग्राम में कौन जीतने वाला है।
अलबत्ता शुभेंदु अधिकारी ने कल बीजेपी की केंद्रीय चुनाव समिति को आश्वस्त करने की नाकाम कोशिश की थी। कि वे नंदीग्राम से ममता को 50 हजार वोटों से हरा देंगे। लेकिन बीजेपी अभी तक अपने ट्रंप कार्ड को आजमाने की हिम्मत नहीं दिखा सकी है।
हालांकि, ममता ने बीते जनवरी में ही नंदीग्राम से चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया था। इसलिए बीजेपी इसे कोई आकस्मिक घटना मान भी नहीं सकती।
तृणमूल की लिस्ट में 90 से ज्यादा नए चेहरे हैं। 50 महिला और 42 मुस्लिम उम्मीदवार हैं। और यह भी केवल बंगाल में ही हो सकता है। कि बीजेपी के दो बड़े उम्मीदवारों के खिलाफ तृणमूल ने उनकी पत्नियों को ही खड़ा कर दिया है।
दैनिक भास्कर जैसे आधारहीन, तथ्यहीन और गोदी मीडिया की रिपोर्टों पर न जाएं, जो दिल की धड़कनों को संभाल नहीं पा रहे सौरव गांगुली को डिप्टी सीएम बनवाकर अपनी पीठ ठोंक रही है।
कुल मिलाकर ममता ने आज 291 सीटों पर अपने उम्मीदवारों का ऐलान कर यह दिखा ही दिया है। कि उनकी तैयारी पहले से है। उधर, बीजेपी अभी तक 70 नाम ही तय कर पाई है।
अगर तृणमूल के पास एम यानी ममता हैं। तो बीजेपी के पास 3 एम है। मनी, मसल और मीडिया।
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