अकांशु उपाध्याय
नई दिल्ली। हर साल मार्च महीने के दूसरे बुधवार को नो स्मोकिंग डे 2021 मनाया जाता है। इसे मनाने का मकसद लोगों को स्मोकिंग छोड़ने के लिए जागरुक करना है। आप कम सिगरेट पीते हों या ज्यादा इसका असर आपके पूरे बॉडी सिस्टम पर पड़ता है। आइए जानते हैं, कि स्मोकिंग किस तरह धीरे-धीरे पूरे शरीर को अंदर से खोखला कर देती है। नर्वस सिस्टम पर असर- सिगरेट में पाया जाने वाला निकोटीन आपके नर्वस सिस्टम पर बहुत बुरा असर डालता है। ये आपके दिमाग में पहुंच कर कुछ समय के लिए तो आपको बहुत एक्टिव महसूस कराता है। लेकिन जैसे ही इसका असर खत्म होता है। आपको थकान महसूस होती है। और फिर से सिगरेट पीने की तलब होने लगती है। निकोटीन की लत लग जाने पर स्मोकिंग की आदत छोड़ने में बहुत दिक्कत महसूस होती है। श्वसन तंत्र पर असर- जब आप स्मोक करते हैं। तो आप उन पदार्थों को शरीर के अंदर ले जाते हैं। जो आपके फेफड़ों को नुकसान पहुंचाते हैं। रोजाना सिगरेट पीने से समय के साथ-साथ ये नुकसान बढ़ता जाता है। और इसकी वजह से और भी कई दिक्कतें होने लगती हैं। सिगरेट पीने वालों में इम्फेसिमा, क्रोनिक ब्रोंकाइटिस, क्रोनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (सीओपीडी) और लंग कैंसर का खतरा बढ़ जाता है। कार्डियोवैस्कुलर सिस्टम पर असर- स्मोकिंग आपके पूरे कार्डियोवैस्कुलर सिस्टम यानी हृदय प्रणाली को खराब कर देती है। निकोटीन की वजह से नसें बहुत सख्त हो जाती हैं। जिससे ब्लड फ्लो में दिक्कत आती है। धीर-धीरे इसकी वजह से धमनी रोग हो जाता है। स्मोकिंग की वजह से ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है, खून की नसें कमजोर हो जाती हैं। और ब्लड क्लॉट्स होने लगते हैं। ये सारी चीजें स्ट्रोक का खतरा बढ़ाती हैं। बालों, स्किन और नाखून पर असर- फेफड़ों के बाद
स्मोकिंग का सबसे ज्यादा असर इंटीग्यूमेंट्री सिस्टम पर होता है। इसकी वजह से आपके स्किन में साफतौर बदलाव देखा जा सकता है। हाल ही में हुई एक स्टडी के मुताबिक, स्मोकिंग करने से स्क्वैमस सेल कार्सिनोमा (स्किन कैंसर) का खतरा बढ़ जाता है। स्मोकिंग से नाखूनों में फंगल इंफेक्शन होने लगता है। और बाल तेजी से झड़ने और सफेद होने लगते हैं। पाचनतंत्र पर असर- स्मोकिंग से मुंह, गले और ग्रासनली का कैंसर होने की संभावना बढ़ जाती है। स्मोकिंग करने वाले ज्यादातर लोग पैनक्रिएटिक कैंसर का शिकार होते हैं। स्मोकिंग का इंसुलिन पर भी प्रभाव पड़ता है। जिसकी वजह से टाइप 2 डायबिटीज और इससे जुड़े जोखिम बढ़ने की संभावना हो जाती है। सेक्सुएलिटी और जेनिटल ऑर्गन पर असर- निकोटीन का असर पुरुषों और महिलाओं के जेनिटल ऑर्गन पर भी पड़ता है। इसकी वजह से पुरुषों में सेक्सुअल परफॉर्मेंस कम हो जाता है। वहीं महिलाओं में यौन इच्छा की कमी होने लगती है। निकोटीन सेक्स हार्मोन के स्तर को कम करता है। कैसे छोड़ें स्मोकिंग की आदत- स्मोकिंग छोड़ना बहुत मुश्किल का काम है। लेकिन डॉक्टर से सलाह लेकर आप एक प्लान बनाकर इस पर काम कर सकते हैं। कई नॉन प्रिस्क्रिप्शन और प्रिस्क्रिप्शन दवाएं हैं। जो स्मोकिंग छोड़ने में मदद करती हैं। स्मोकिंग छोड़ने के लिए आप किसी सेंटर की भी मदद ले सकते हैं। स्मोकिंग छोड़ने से धीरे-धीरे आपका पूरा बॉडी सिस्टम ठीक होने की तरफ बढ़ने लगता है।
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