शनिवार, 20 मार्च 2021

होली-बैसाखी के सहारे आंदोलन का भविष्य

 अकांशु उपाध्याय 
नई दिल्ली। केंद्र सरकार के नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसान संगठनों का केंद्र सरकार के खिलाफ गुस्सा बढ़ता जा रहा है। 26 मार्च को भारत बंद के बाद होली और वैसाखी पर भी किसानों ने देशव्यापी प्रदर्शन करने की घोषणा की है। होली पर किसान संगठन होलिका दहन की जगह कृषि कानून की प्रतियां जलाएंगे।
वहीं वैसाखी पर हजारों किसान बॉर्डर पर जुटेंगे। हालांकि दिल्ली की सीमाओं पर कम होती भीड़ से भी किसान संगठन चिंतित नजर आ रहे हैं। उनका कहना है कि अभी भीड़ जरूर कम हो रही है। लेकिन आगामी त्यौहार के सहारे आंदोलन को फिर से खड़ा करने की कोशिश करेंगे।
किसान नेताओं ने अमर उजाला को बताया कि 23 मार्च को हरियाणा, पंजाब और उत्तर प्रदेश समेत देश के कई राज्यों से किसानों के जत्थे 23 मार्च को भगत सिंह के शहीदी दिवस पर दिल्ली के टीकरी बॉर्डर पर पहुंचेंगे।
होली के त्योहार को लेकर संगठन की तैयारी हो चुकी है। होली पर गांवों से हजारों किसान दिल्ली की बॉर्डर जुटेंगे। सभी मिलकर यहां शांतिपूर्ण तरीके से होली का त्योहार मनाएंगे।
इसके अलावा बैसाखी पर भी किसान बॉर्डर पर जुटेंगे। हर गांव से कम से कम दस किसानों को आंदेालन में शामिल होने का आह्वान किया जा रहा है। सभी बॉर्डर से कम होती भीड़ किसान संगठनों के लिए चिंता का विषय बनी हुई है। हर प्रदर्शन स्थल पर गिने चुने ही लंगर चल रहे हैं। इसके अलावा अधिकांश जत्थे भी खाली हो गए हैं। दिल्ली में बढ़ती गर्मी के कारण भी किसानों की संख्या कम हो रही है।
इधर, किसानों का सिंघु बॉर्डर, टिकरी बॉर्डर और गाजीपुर बॉर्डर पर शांतिपूर्ण प्रदर्शन जारी है। भारत बंद के लिए किसान संगठनों ने लोगों से समर्थन मांगना शुरू कर दिया है। किसानों का कहना है, कि ये बंद शांतिपूर्ण तरीके से होगा। इस दौरान अगर कोई भी व्यक्ति किसी भी प्रकार की परेशानी खड़ी करेगा तो उसे सीधे पुलिस संगठन के पास सौंप दिया जाएगा।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

Thank you, for a message universal express.

यूपी: 7 दिनों के राजकीय शोक की घोषणा की गई

यूपी: 7 दिनों के राजकीय शोक की घोषणा की गई  संदीप मिश्र  लखनऊ। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के निधन को लेकर उत्तर प्रदेश में भी 7 दिनों के...