अश्वनी उपाध्याय
गाज़ियाबाद। जिलें के नागरिकों को विश्व स्तरीय सुविधाएं देने के प्रयास बढ़ाने के साथ-साथ नगर निगम ने अपनी आय बढ़ाने के साधनों की खोज शुरू कर दी है। नगर आयुक्त महेंद्र सिंह तंवर द्वारा कराई गई जांच में पता चला है कि पिछले 20 सालों से नगर निगम ने अपनी दुकानों का किराया नहीं बढ़ाया है। जबकि, मार्केट के हिसाब से किराया कई गुना बढ़ चुका है। ऐसे में निगम ने सर्किल रेट के हिसाब से ही किराया वसूलने का मन बना लिया है। यही नहीं, ऐसी दुकानों से निगम प्रीमियम भी लेगा जो दुकानें अब मूल आवंटियों के पास नहीं हैं। इसके लिए निगम ने सर्वे शुरू कर दिया है और 1279 में से करीब 650 दुकानों पर नंबरिंग भी कर दी है। आपको बता दें कि कविनगर, विजयनगर, वसुंधरा, मोहननगर और सिटी जोन में निगम की 1279 दुकानें हैं। करीब दो दशकों से इन दुकानों का किराया नहीं बढ़ाया गया है। अभी भी इन दुकानों का किराया एक हजार से दो हजार तक है। जबकि, इन्हीं बाजारों में निजी दुकानों का किराया 10 से 20 हजार रुपये तक है। ऐसे में नगर निगम अब इन दुकानों का किराया बढ़ाने की तैयारी कर रहा है। नगर निगम दुकानों के किराये में पारदर्शिता लाने के लिए सर्किल रेट और जिला प्रशासन की ओर से तय की गई किराया दर को आधार बनाएगा।2014 में शहर में 450 रुपये प्रति वर्ग मीटर की किराया दर थी। नगर निगम अब जिला प्रशासन से 2020 की नई किराया दर लेगा। इसके आधार पर किराया निर्धारण किया जाएगा।
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