शुक्रवार, 19 मार्च 2021

हरियाणा के पांच शहरों में चलेंगी इलैक्ट्रिक बसें

राणा ओबराय    

 चंडीगढ़। हरियाणा सरकार प्रदेशवासियों को पर्यावरण प्रदूषण के नकारात्मक प्रभावों से बचाने के मकसद से शून्य उत्सर्जन इलेक्ट्रिक बसें शुरू करने जा रही है। प्रदेश के दिल्ली-एनसीआर से लगते पांच जिलों में ये बसें चलाई जाएंगी।
राज्य सरकार की योजना शुरू में प्रदेश में सकल लागत मॉडल पर 124 पूर्णत: इलेक्ट्रिक बसें चलाने की योजना है। वर्ष 2021-22 के बजट में परिवहन विभाग के लिए 2408 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि हरियाणा की परिवहन प्रणाली के साथ देश की श्रेष्ठ प्रणालियों में से एक है।
परिवहन मंत्री ने बताया कि प्रदेश के दिल्ली एनसीआर से लगते पांच जिलों में  124 इलैक्ट्रिक बसों को चलाने की तैयारी की जा रही है। पहले राउंड में फरीदाबाद, गुरुग्राम, सोनीपत, पानीपत और करनाल में ये बसें चलाने की योजना है।
उन्होंने बताया कि एक बार चार्ज होने पर बसें करीब 150 से 200 किलोमीटर तक सफर आसानी से कर सकती हैं। इस बात को ध्यान में रख जगह की तलाश की जा रही है। उन्होंने बताया वर्ष 2024 तक पांचों जिलों में इलेक्ट्रॉनिक बसें दौड़ने लगेंगी।
लोगों को सुरक्षित, किफायती और भरोसेमंद सेवाएं मुहैया करवाने की अपनी प्रतिबद्धता को दोहराते हुए वर्ष 2021-22 में बीएस-6 उत्सर्जन मानदंडों को पूरा करने वाली 800 मानक गैर-एसी बसों की खरीद प्रक्रिया शुरू कर दी है।
इसके अलावा, किलोमीटर स्कीम के तहत किराए पर ली गई 536 बसों का संचालन भी शुरू कर दिया गया है। इस तरह, जल्द ही हरियाणा रोडवेज के बेड़े में बसों की कुल संख्या 5,000 से अधिक हो जाएगी। साथ ही, प्रदेश में 54 वोल्वो मर्सिडीज सुपर लग्जरी एसी बसों 18 सुपर लग्जरी एसी मल्टी-एक्सल बसों का संचालन भी किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि आवेदकों को भारी मोटर वाहन चलाने हेतु अत्याधुनिक प्रशिक्षण सुविधा प्रदान करने के लिए, कैथल, बहादुरगढ़ और रोहतक में तीन ड्राइविंग प्रशिक्षण एवं अनुसंधान संस्थान संचालित किए गए  है।
इसके अलावा, 6 जिलों-अम्बाला, करनाल, हिसार, रेवाड़ी, फरीदाबाद और गुरुग्राम में निरीक्षण और प्रमाणन केन्द्र स्थापित किए जाएंगे।
उन्होंने कहा कि रोहतक जिले के कन्हेली गांव में एक निरीक्षण और प्रमाणन केन्द्र कार्यरत है। यह केद्रं जींद, रोहतक, पानीपत, सोनीपत और झज्जर जिलों के परिवहन वाहनों की फिटनेस आवश्यकताओं की पूर्ति कर रहा है।
फरीदाबाद, नूंह, भिवानी, करनाल, रेवाड़ी, सोनीपत, जींद, पलवल और यमुनानगर में नौ और ऐसे संस्थान स्थापित किए जा रहे हैं। इसके अलावा, गुरुग्राम में एक क्षेत्रीय ड्राइविंग प्रशिक्षण केंद्र स्थापित किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि मैन्युअल टिकट प्रणाली को डिजिटल बनाने के उद्देश्य से ‘ओपन लूप टिकटिंग सिस्टम और जीपीएस सिस्टम’ को स्वनिर्माण, संचालन एवं स्थानांतरण मॉडल पर लागू करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। यह जून, 2021 के अंत तक पूरी तरह से लागू होने की संभावना है।

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