चंडीगढ। आज बुधवार को साफ हो जाएगा, कि हरियाणा के किसानों के हक में कौन कौन-सा विधायक खड़ा है। क्योंकि, अक्सर विधायक किसानों के हित मे बड़ी-बड़ी बातें करते हैं। आज बुधवार को विधानसभा में अविश्वास प्रस्ताव के समय स्थिति साफ हो जाएगी। हरियाणा विधानसभा में आज बुधवार को कांग्रेस की तरफ से भाजपा जजपा गठबंधन सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया जा रहा है। ऐसे में आज वोटिंग में सरकार की अग्निपरीक्षा होगी। कांग्रेस की तरफ से प्रदेश में भाजपा जजपा गठबंधन सरकार अपना विश्वास खो चुकी है और प्रदेश की जनता भाजपा जजपा सरकार को नहीं चाहती है। इसलिए, कांग्रेस की तरफ से यह अविश्वास प्रस्ताव लाया जा रहा है।
कांग्रेस के इस अविश्वास प्रस्ताव पर पार्टी के 25 विधायकों ने हस्ताक्षर कर सौंपे थे। हालांकि, कांग्रेस के पास सदन में फिलहाल 30 विधायक हैं। वहीं, कांग्रेस को उम्मीद है कि यहां पर क्रॉस वोटिंग हो सकती है और प्रदेश की गठबंधन सरकार के लिए सकंट की स्थिति पैदा हो सकती है। वहीं दो निर्दलीय विधायक भी अविश्वास प्रस्ताव का खुलकर समर्थन कर चुके हैं।हरियाणा विधानसभा में कुल 90 सदस्य है। लेकिन फिलहाल 88 सदस्यों की ही विधानसभा कार्यवाही चल रही है। क्योंकि, ऐलनाबाद से इनेलो विधायक अभय सिंह चौटाला ने किसान आंदोलन के समर्थन में अपना इस्तीफा सौंप दिया था। वहीं, कालका से कांग्रेस विधायक प्रदीप चौधरी की सदस्यता रद्द हो गई थी। कांग्रेस विधायक प्रदीप चौधरी को हिमाचल प्रदेश की एक अदालत ने तीन साल की सजा सुनाई थी। जिसके बाद विधानसभा स्पीकर ने उनकी सदस्यता को रद्द कर दिया था। इधर प्रदेश में भाजपा के पास 40 विधायक हैं। भाजपा अपने 40 विधायकों के साथ सदन में मजबूती के साथ खड़ी है। वहीं, भाजपा के समर्थन में जजपा के 10 विधायक हैं। हालांकि, जजपा के विधायकों ने सदन में मंगलवार को कार्यवाही के दौरान तीखे तेवर दिखाए थे। लेकिन उन्होंने अपनी मजबूरी बताते हुए अविश्वास प्रस्ताव के विपक्ष के मत देने की बात भी स्वीकारी। ऐलनाबाद से अभय सिंह चौटाला (इस्तीफा दे चुके हैं। ) प्रदेश में फिलहाल किसान आंदोलन के समर्थन में जगह जगह पर किसान धरना प्रदर्शन कर रहे हैं और विधायकों से अब अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में वोटिंग करने की मांग भी चुके हैं। हालांकि, किसानों के समर्थन में दो निर्दलीय विधायकों ने सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया था। जिसमें महम से विधायक बलराज कुंडू और दादरी से विधायक सोमबीर सांगवान शामिल हैं। हालांकि, सिरसा से विधायक गोपाल कांडा ने सरकार को समर्थन का पत्र भेजा है। मंगलवार को विधानसभा में जजपा के विधायकों के रुख कड़े दिखाई दिये थे और वो बार बार सरकार को कोसते नजर आ रहे थे। सदन के बाहर निकलते ही जजपा विधायक ने दुष्यंत चौटाला को सरकार से समर्थन वापस लेने तक की बात कह दी थी। जजपा के चार विधायकों के तेवर तल्ख दिखाई दिये थे।सदन में वोटिंग के दौरान भाजपा के 40 विधायकों के अलावा जजपा के 10 विधायक भी सरकार के समर्थन में हैं। इधर, कांग्रेस के पास उनके 30 विधायक हैं। मौजूदा स्थिति में 88 सदस्यों की विधानसभा है और अब बहुमत के लिए 45 मतों की आवश्यकता होगी।
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