हरिओम उपाध्याय
लखनऊ। गंगा बनारस शहर को दूर से देखते हुए गुजरती हैं। उन्हें बस इस बात का सुकून रहता है। कि उनके प्रियतम काशी विश्वनाथ इस शहर की आत्मा में बसे हुए हैं। कहा जाता हैं, कि गंगा ने अपने प्रियतम से केवल एक चीज मांगी थी, कि मुझे अपने आस पास रहने दो, शिव ने कहा ठीक है। लेकिन तुम मुझे देख न पाओगी। फिर क्या था गंगा बनारस को छूते हुए बहने लगी उन्हें तो बस शिव के आस पास रहने का सुकून था।
अब बनारस में मोदी और योगी आदित्यनाथ इस प्रेम कहानी में विलेन की तरह प्रवेश कर चुके हैं। उनका काशी विश्वनाथ कॉरिडोर ऐसा ही है। यह भगवा टीम न केवल इतिहास बदलने की कोशिश कर रही, बल्कि हमारे शिव के तप और गंगा की तपस्या को भी भंग करने की कोशिश कर रही। यह कुछ ऐसा है। कि प्रेमी प्रेमिका से कहें कि दूर से बुझती रहे प्यास और कोई बजरंगी बीच मे आकर कहे कि नही, हम तो तुम दोनों का ब्याह कराएंगे।
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