कोलकाता। पश्चिम बंगाल में एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है। यहां एक किराएदार ने अपने मकान मालिक को ही संपत्ति से बेदखल कर दिया। इस पर देश के उच्च्तम न्यायालय ने मकान मालिक को लगभग तीन दशकों तक संपत्ति से वंचित रखने वाले किराएदार पर एक एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। साथ ही पिछले 11 वर्षों के बाजार दर के हिसाब से किराए का भुगतान करने का भी अादेश दिया है।
सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस आर सुभाष रेड्डी की पीठ ने पश्चिम बंगाल के अलीपुर के इस मामले की सुनवाई करते हुए इसे अद्भुत करार दिया और कहा कि व्यक्ति द्वारा किसी अन्य के अधिकारों को लूटने के लिए न्यायिक प्रक्रियाओं का दुरुपयोग करने का यह सटीक उदाहरण है। पीठ ने कहा कि किराएदार को 15 दिनों के भीतर संपत्ति मकान मालिक के सुपुर्द करनी होगी। साथ ही किराएदार को तीन महीने के भीतर मार्च, 2010 से बाजार की दरों पर किराया भी देना होगा। कोर्ट ने न्यायिक समय की बर्बादी और मकान मालिक को अदालती कार्यवाही में घसीटने को लेकर भी किराएदार पर एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। जुर्माने की यह रकम मकान मालिक को दी जाएगी।
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