अश्वनी उपाध्याय
मुरादनगर। बस स्टैंड के पास स्थित एक निजी अस्पताल के बाहर हंगामा कर रहे लोगों का कहना है, कि नर्स के हाथों से गिरने से नवजात बच्चे की मौत हुई है। वहीं दूसरी ओर अस्पताल प्रशासन का कहना है, कि नॉर्मल डिलीवरी के दौरान पैदा हुए बच्चे में सांस नहीं थी। प्रसूता के परिजनों का आरोप है, कि पीड़ित महिला के बच्चा पैदा होने के बाद वह नर्स के हाथों से फिसल कर गिर गया। जिसकी वजह से नवजात बच्चे की मौत हुई है। फिलहाल, मौके पर पहुंची पुलिस इस पूरे मामले की जांच में जुटी हुई है। मुरादनगर की चर्च कॉलोनी निवासी पीड़िता चंचल ने बताया कि वह बस स्टैंड पर स्थित निजी अस्पताल में डिलीवरी के लिए आई हुई थी। लेकिन उसके इलाज में लापरवाही बरती गई है। उसका कहना है, कि 2 मार्च दोपहर को बच्चा पैदा होने के बाद उसको ना ही बच्चे के बारे में कोई जानकारी दी गई और ना ही बच्चे को उनको सौंपा गया। लेकिन 4 मार्च को अस्पताल प्रशासन ने बताया कि उसके बच्चे की मौत हो गई है। पीड़िता के ससुर का कहना है, कि उनकी बहू को जब बच्चा पैदा हुआ तो वह नर्स के हाथों से छूट गया और उनको बच्चे को दिखाया भी नहीं गया। अस्पताल प्रशासन आनन-फानन में मोदीनगर दूसरे अस्पताल में वेंटिलेटर के लिए लेकर गया। लेकिन वहां से वापस लाने के बाद अस्पताल प्रशासन ने हमको बताया, कि बच्चे की मौत हो गई है।
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