शनिवार, 27 मार्च 2021

भाजपा के पास नही है जीत का आधार और उम्मीदवार

राणा ओबराय     

चंडीगढ़। हरियाणा भाजपा की सेंधमारी करना पुरानी आदत हैं। क्योंकि, भाजपा नेताओं को अपनी पार्टी की लोकप्रियता और जनहित के किये कार्यों पर खुद को ही विश्वास नहीं है।
जींद उपचुनाव में डॉ मिड्डा को पार्टी में शामिल कर औऱ जनता को मंत्री बनाने का लालच देकर चुनाव जीता था। आजतक डॉ मिड्डा मंत्री बनने के लिए तड़फ रहा है!भाजपा को बरोदा उपचुनाव में भी हार का मुंह देखना पड़ा। अब दो उपचुनाव की फिर आहट शुरू हो गई है। कुछ दिन पहले हरियाणा के पूर्व मंत्री रामविलास शर्मा ने कालका विधानसभा में जनता की नब्ज टटोलने के लिए कुछ दिन गुजारे थे। शायद बात नही बनी! अब हरियाणा विधानसभा की दो सीटें कालका और ऐलनाबाद खाली होने के बाद उपचुनाव की सरगर्मियां शुरू हो गई हैं। ऐसा भी हो सकता है कि भाजपा ऐलनाबाद उपचुनाव में बाहरी गोपाल कांडा को अपना प्रत्याशी घोषित न कर दे। सूत्रों के अनुसार, पूर्व केंद्रीय मंत्री विनोद शर्मा कालका विधानसभा सीट से उपचुनाव में प्रत्याशी हो सकते हैं। बता दें कि पूर्व केंद्रीय मंत्री विनोद शर्मा भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए है।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने विनोद शर्मा को भाजपा में शामिल कराने की मुहिम छेड़ी और अंतत: वे अपने मकसद में कामयाब हो गए। गत वीरवार को मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने जेपी नड्डा से दिल्ली में मुलाकात की थी और विनोद शर्मा ने नड्डा के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी में शामिल होने की घोषणा कर दी। नडडा ने उन्हें बीजेपी का पटका पहनाकर सदस्यता प्राप्त प्रदान की। अब देखना होगा कि कालका उपचुनाव में भाजपा प्रत्याशी रामबिलास शर्मा या विनोद शर्मा में से होगा कौन? गौरतलब है कि कालका सीट से कांग्रेस विधायक प्रदीप चौधरी की विधानसभा सदस्यता रद कर दी गई थी, तो ऐलनाबाद के विधायक इनेलो के अभय चौटाला ने किसान आंदोलन के मुद्दे पर इस्तीफा दे दिया था। दोनों सीटों के उपुचनाव में हरियाणा के दिग्गज नेताओं की फिर कड़ी परीक्षा होगी। विनोद शर्मा को उपचुनाव में कालका से लड़ाने की योजना पर काम कर रहे मनोहरलाल और भाजपा पार्टी। मुख्यमंत्री मनोहर लाल विनोद शर्मा को न केवल भाजपा में लाना चाहते हैं। बल्कि, वे उन्हें उपचुनाव में कालका से चुनाव लड़ाने की योजना पर भी काम कर रहे हैं। ऐसा करके रामविलास शर्मा और लतिका शर्मा को इस क्षेत्र की चुनावी राजनीति से दूर धकेलने में कामयाब हो जाएंगे। विनोद शर्मा ने 2014 में अपनी खुद की पार्टी बनाकर चुनाव लड़ा तो उनकी पत्नी शक्ति रानी में कालका से भाग्य आजमाया था, परंतु उस समय वह 7000 के आसपास वोटो तक सिमट कर रह गई। परंतु अब परिस्थितियां और हैं और लगता है कि विनोद शर्मा का भाजपा में आने का अर्थ कालका से चुनाव लडऩा भी हो सकता है। अब यह भी साफ हो गया है कि हरियाणा का मंत्रिमंडल विस्तार अब उपचुनाव से पहले होने वाला नहीं है। क्योंकि यदि वास्तव में विनोद शर्मा ने कालका से ही उपचुनाव लड़ा तो भारतीय जनता पार्टी मंत्रिमंडल में खाली पड़ी एक सीट का हवाला देकर और विनोद शर्मा को मंत्री बनाने का वायदा कर उन की जीत सुनिश्चित करने की कोशिश करेगी। शैलजा हुड्डा में फिर दिखेगी टिकट की तकरार कालका चूंकि अंबाला संसदीय क्षेत्र में आता है। लिहाजा कालका में सैलजा हर सूरत में चाहेंगी कि उनकी पसंद के ही उम्मीदवार को विधानसभा की टिकट मिले, जबकि हुड्डा अपनी ताकत बढ़ाने के लिए अपनी पसंद को ज्यादा तरजीह देते दिखाई देंगे। ऐसा ही ऐलनाबाद में होने वाला है। इस सीट पर सीधे-सीधे हुड्डा व अभय चौटाला में जंग होने वाली है। सैलजा चाहेगी कि ऐलनाबाद में हुड्डा की पसंद का उम्मीदवार मैदान में उतरे, ताकि उनके पास भी हुड्डा के विरुद्ध बोलने को कुछ मसाला तैयार हो सके। ऐसे में इन सीटों सीटों के चुनाव बेहद रोचक होने जा रहे हैं।

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