अश्वनी उपाध्याय
गाजियाबाद। जिलें के खाद्य सुरक्षा विभाग द्वारा दूध, पनीर, दही और दूध से बनी मिठाइयों के लिए गए सैंपलों में से आधे से ज्यादा में मिलावटी पाए गए हैं। ये सैंपल जिले में अलग-अलग जगहों से लिए गए थे। जो पूर्वी दिल्ली, गाजियाबाद, गौतमबुद्ध नगर में सप्लाई हो रहे थे। गाजियाबाद के खाद्य सुरक्षा विभाग के अभिहित अधिकारी विनीत कुमार ने बताया कि होली को ध्यान में रखते हुए मिलावटी दूध और दूध से बने प्रोडक्ट पर छापेमारी की कार्रवाई तेज कर दी है। अब तक जिले भर से करीब 100 से अधिक सैंपलों को जांच के लिए भेजा जा चुका है। उन्होंने बताया कि अब उन्हीं प्रोडक्ट्स का सैंपल लिया जा रहा है। जिसमें मिलावट की आशंका होती है। क्योंकि, होली करीब है इसलिए दूध और मावे का सैंपल लिए जा रहे हैं। शासन से इसके लिए स्पष्ट निर्देश हैं और मिलावट को लेकर विभाग सख्त है। टीमों द्वारा लगातार औचक निरीक्षण और छापा मारने की कार्रवाई की जा रही है। पिछले दिनों भोजपुर में खाद्य सुरक्षा विभाग ने पुलिस के साथ मिलकर रात 12 बजे छापेमारी की। इस गांव में भारी मात्रा में नकली मावा और चांदी का वर्क सहित दूध के अन्य प्रोडक्ट तैयार किए जा रहे थे। अधिकारियों ने बताया कि मोदीनगर, मुरादनगर, लोनी सहित जिले के कुछ गांवों में मिलावटी प्रोडक्ट तैयार किए जाते हैं। न्यूज़ 18 की खबर के अनुसार, खाद्य सुरक्षा विभाग ने साल 2020-21 में दूध और उससे बने प्रोडक्ट्स के 463 सैंपल लिए। इनमें से 153 की रिपोर्ट विभाग को मिली। इन 153 सैंपल में से दूध, मावा, पनीर और मिठाइयों के 87 सैंपल (57 फीसद फेल) पाए गए, यानी इसमें किसी न किसी तरह की मिलावट पाई गई है। गाजियाबाद जिले से दिल्ली समेत आसपास के अन्य जिलों में सप्लाई होता है। जिला एमएमजी अस्पताल वरिष्ठ फिजीशियन डॉ. आरपी सिंह ने बताया कि दूध में लोग यूरिया आदि मिलाते हैं। जिससे लिवर पर असर पड़ सकता है। पाचन क्रिया प्रभावित हो सकती है। आंतों में सूजन आ सकती है। गैस की समस्या शुरू हो सकती है। धीरे-धीरे लिवर और गुर्दे दोनों प्रभावित हो सकते हैं। लंबे समय तक इस तरह के हानिकारक केमिकल के सेवन से कैंसर तक के लक्षण दिख सकते हैं।
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