मंगलवार, 2 फ़रवरी 2021

आंदोलन: "कानून वापसी नहीं, तो घर वापसी नहीं"

अकांशु उपाध्याय   

 नई दिल्ली। भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने संकेत दिया कि सरकार के तीनों कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का विरोध अक्टूबर से पहले खत्म नहीं होने जा रहा है। टिकैत ने कहा कि हमारा नारा है। ”कानून वापसी नहीं, तो घर वापसी नहीं।” उन्होंने आगे बताया कि यह आंदोलन जल्द समाप्त नहीं होगा।आपको बता दें कि दिल्ली की विभिन्न सीमाओं पर पंजाब, हरियाणा, पश्चिमी उत्तर प्रदेश समेत कई अन्य जगहों के किसान कानूनों के विरोध में पिछले दो महीनों से ज्यादा समय से आंदोलन कर रहे हैं। किसान नेता राकेश टिकैत ने मंगलवार को कहा, ”हमने सरकार को बता दिया कि यह आंदोलन अक्टूबर तक चलेगा। अक्टूबर के बाद आगे की तारीख देंगे। बातचीत भी चलती रहेगी। नौजवानों को बहकाया गया है और उनको लाल किले का रास्ता बताया गया कि पंजाब की कौम बदनाम हो। किसान कौम को बदनाम करने की कोशिश की गई है। प्रदर्शन वाली जगह पर तमाम नेताओं की आवाजाही पर राकेश टिकैत ने कहा कि किसानों का विरोध राजनीतिक नहीं है और किसी राजनीतिक दल के नेता को मंच पर स्थान नहीं दिया गया है। इससे पहले शिरोमणि अकाली दल, आम आदमी पार्टी, कांग्रेस, राष्ट्रीय लोक दल, समाजवादी पार्टी सहित अन्य दलों के नेताओं ने गाजीपुर का दौरा किया था। इस बीच आंदोलन वाली सीमा पर लोहे और कंक्रीट ढांचे से बैरीकेड लगा दिए गए और बाड़बंदी कर दी गई है। इसके अलावा सड़कों पर कीलें लगा दी गई ताकि कोई प्रदर्शनकारी दिल्ली की ओर नहीं बढ़ सके। विरोध स्थल पर इंटरनेट सेवा भी निलंबित कर दी गई है। गाजीपुर की सुरक्षा इतनी चाकचौबंद की गई है कि कई लेयर में सैकड़ों की तादात में सुरक्षाकर्मी बिल्कुल अलर्ट मोड पर तैनात हैं और सीनियर ऑफिसर उन्हें तैयारी को लेकर निर्देश दे रहे हैं। रास्ते को पूरी तरह ब्लॉक कर सुरक्षा का कड़ा पहरा है।

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