शुक्रवार, 5 फ़रवरी 2021

राणा ने भारत को प्रत्यर्पित करने का किया विरोध

मुंबई। मुंबई में 2008 में हुए आतंकवादी हमलों में मुख्य आरोपी पाकिस्तानी मूल के कनाडाई कारोबारी तहव्वुर राणा ने स्वयं को भारत प्रत्यर्पित किए जाने का विरोध करते हुए दलील दी है कि जिन अपराधों के लिये उसके प्रत्यर्पण की अपील की गई है। उनमें उसे पहले ही बरी किया जा चुका है। डेविड कोलमेन हेडली के बचपन के दोस्त राणा (59) को 2008 के मुंबई आतंकवादी हमलों में संलिप्तता के लिये भारत के प्रत्यर्पण अनुरोध पर 10 जून को लास एंजिलिस से दोबारा गिरफ्तार कर लिया गया था। मुंबई हमलों में छह अमेरिकी नागरिकों समेत कुल 166 लोगों की मौत हो गई थी। मुंबई आतंकवादी हमलों की साजिश रचने में लश्कर-ए-तैयबा का पाकिस्तानी-अमेरिकी आतंकवादी हेडली शामिल था। उसे इस मामले में सरकारी गवाह बनाया गया था और वह हमले में अपनी भूमिका के लिये फिलहाल अमेरिका की जेल में 35 साल के कारावास की सजा काट रहा है। राणा के वकीलों ने पिछले सप्ताह लास एंजिलिस की जिला अदालत में न्यायाधीश जैकलीन केलोनियन के समक्ष प्रत्यर्पण का विरोध करते हुए याचिका दायर की थी।

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