पालूराम
रायपुर। राजधानी रायपुर में हाइवे, जिले के आस-पास के ग्रामीण इलाकों के अलावा अभनपुर, धमधा जैसे हिस्सों में किसानों ने चक्काजाम किया। किसान शनिवार दोपहर रसनी में बने टोल नाके पर धरना दे रहे हैं। सड़क को जाम कर दिया गया है। किसान नेताओं की कार और ट्रैक्टर सड़क पर खड़े कर जाम कर दिए हैं। सैंकड़ों ट्रकों की लम्बी लाइन लग गई है। यातायात बाधित कर दिया गया है। यह सब केंद्र सरकार के कृषि कानूनों के विरोध में हो रहा है। एक सुर में किसान नेता यहां नारे लगाते दिखे। शहर के बोरियाखुर्द इलाके में भी स्थिति कुछ ऐसी ही रही। इन दोनों ही जगहों पर पुलिस बल की तैनाती की गई है। अफसर किसानों से रास्ता खोलने की गुजारिश कर रहे हैं, मगर किसानों का प्रदर्शन जारी है। छत्तीसगढ़ किसान मजदूर महासंघ से जुड़े संगठनों ने शुक्रवार शाम ही चक्काजाम की तैयारी पूरी करते हुए इसका एलान कर दिया था। सिर्फ रायपुर ही नहीं प्रदेश के अन्य जिले बालोद, धमतरी, दल्ली राजहरा, धमतरी, मुंगेली, बिलासपुर, महासमुंद, राजनांदगांव, कोरबा, अम्बिकापुर आदि क्षेत्रों में चक्काजाम किया गया है। किसानों का ये चक्काजाम दिल्ली में जारी किसान आंदोलन को समर्थन है। प्रदर्शन को लेकर किसान नेता वीरेंद्र पांडे, गौतम बंद्योपाध्याय और डॉ संकेत ठाकुर ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा कृषि सुधार के नाम पर लाए गए 3 कृषि व आम जनता विरोधी बिल की वापसी एवं फसलों के एमएसपी की गारंटी की मांग को लेकर पंजाब हरियाणा व देश के हर हिस्से से विरोध की आवाज बुलंद की जा रही है। किसान चाहते हैं कि तीन काले कानून केंद्र सरकार वापस ले। किसानों के शांतिपूर्ण आंदोलन को भाजपा द्वारा सुनियोजित ढंग से बदनाम किया जा रहा है। किसानों को आतंकवादी, नक्सली आदि बताकर अन्नदाता को अपमानित किया जा रहा है। जिस पर कांग्रेस, सीपीआई समेत अन्य पार्टियां विरोध कर रही हैं।
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