राम सहाई पुर गांव में विकास के नाम पर बड़ा घोटाला
कौशांबी। विकास योजनाओं में हेराफेरी कर बड़ी धांधली कर सरकारी रकम हजम करने की प्रथा कौशांबी जनपद में पुरानी हो चुकी है। नाली निर्माण सीसी रोड निर्माण शौचालय निर्माण सहित विभिन्न योजनाओं के फर्जी अभिलेख दिखा कर सरकारी खजाने से बड़े पैमाने पर रकम निकाली जाती है। मौके परिस्थिति पर विकास कार्य बिना कराएं सरकारी अभिलेखों में विकास दर्शाते हुए आला अधिकारियों को झूठी मनगढ़ंत सूचनाएं भेज दी जाती है। सिराथू तहसील क्षेत्र के राम सहाई पुर गांव में भी विकास योजनाओं की रकम में धांधली फर्जी रिपोर्ट लगा कर जिम्मेदारों ने शाशन या बड़े अधिकारियो को भेज दी है। ग्राम पंचायत में बड़े पैमाने पर धांधली की दर्जनों बार ग्रामीणों ने शिकायत की जांच अधिकारियों के जांच के दौरान मौके पर विकास कार्य नहीं पाए गए। फिर भी भ्रष्टाचारियों के घुटनों में गिर कर जांच अधिकारियों ने फर्जी रिपोर्टिंग लगाकर प्रत्येक बार के शिकायती पत्र का फर्जी निस्तारण कर दिया।
मुख्यमंत्री के आईजीआरएस पोर्टल में भी जांच अधिकारियों द्वारा मनगढ़ंत और झूठी रिपोर्ट लगाकर शिकायतों का निस्तारण किया जा चुका है। जांच के दौरान जांच अधिकारियों ने जो जांच रिपोर्ट अधिकारियों और मुख्यमंत्री पोर्टल को भेजा है। वह हकीकत वर्तमान में भी गांव में दिखाई नहीं पड़ रही है। जिससे जांच अधिकारियों की रिपोर्ट को झूठा करार देना गलत नहीं होगा सिराथू तहसील क्षेत्र के रामसहाई पुर गांव में विकास योजना में धांधली के मामले में सहायक विकास अधिकारी पंचायत सिराथू की भूमिका भ्रष्टाचारियों से संलिप्तता की ओर इशारा कर रही है। एडीओ पंचायत द्वारा शिकायतों में फर्जी रिपोर्ट लगाकर शिकायती पत्रों का झूठे और मनगढ़ंत तरीके से निस्तारण कर दिया है।जिससे एडीओ पंचायत की भूमिका भी सवालों के घेरे में है। आखिर अब सवाल उठता है कि जब राम सहाई पुर गांव में आधे विकास कार्य नहीं कराए गए हैं। एक योजना के नाम पर कई कई बार धन निकाला गया है। इस तरह की दर्जनों योजनाएं हैं। जिन पर दोबारा धन निकाला गया है। तमाम योजनाओं में धन निकालने के बाद कार्य नहीं कराए गए हैं। लेकिन तमाम धांधली के बाद भी जिला पंचायत राज अधिकारी ने भी ग्रामीणों की शिकायतों को गंभीरता से नहीं लिया है। जिससे सरकारी धन के गबन के मामले में इनकी भी लापरवाही उजागर हुई है। ग्राम पंचायतों में विकास के नाम पर धांधली करने वालों और उनके जांच के नाम पर लापरवाही करने वालों के कारनामों को यदि सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गंभीरता से लिया तो भ्रष्टाचारियों के बचाव में खड़े खंड विकास कार्यालय और विकास भवन के अधिकारियों पर शासन की गाज गिरना तय है। लेकिन क्या योगीराज में इन भ्रष्टाचारियों के चेहरे बेनकाब हो पाएंगे और भ्रष्टाचारियों पर मुकदमा दर्ज कर गिरफ्तार कर जेल भेजा जाएगा या फिर भ्रस्टाचारियो के बचाव में अधिकारी खड़े रहेंगे।
गणेश साहू
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