शुक्रवार, 19 फ़रवरी 2021

कोर्ट का दरवाजा खटखटाने पर मिलीं राहत

राणा ओबराय
चंडीगढ। हरियाणा के पूर्व सीएम और जेबीटी भर्ती मामले में दोषी ओपी चौटाला ने दिल्ली हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। ओपी चौटाला ने हाईकोर्ट में जेल से रिहाई की मांग की है। इस मामले में अब 23 फरवरी तक पैरोल की अवधि को बढ़ा दिया है।
ओपी चौटाला ने कोर्ट में याचिका लगाई है जिसमें उन्होंने अधिसूचना के तहत 60 वर्ष से ज्यादा उम्र के पुरुषों और 70 फीसदी से अधिक विकलांगता वाले कैदियों को विशेष छूट देने का हवाला दिया है। इस मामले में अब कोर्ट की तरफ से हैरानी जताई गई है। कोर्ट में दिसंबर 2019 के आदेशों की अनुपालना ना करने पर जबाव मांगा है। इसके साथ ही न्यायमूर्ति योगेश खन्ना ने मुख्य न्यायाधीश के आदेशों के अधीन डिवीजन बेंच के समक्ष मामले को सूचीबद्ध करने के निर्देश भी दिए और चौटाला की पैरोल अवधि 23 फरवरी तक तक बढ़ा दी। 86 वर्षीय पूर्व मुख्‍यमंत्री ने अपने वकील अमित साहनी के मार्फत दिल्ली उच्च न्यायालय के समक्ष रिट याचिका दायर की, जिसमें कहा गया कि उनके मुवक्किल दिसंबर 2019 में न्यायमूर्ति मनमोहन और न्यायमूर्ति संगीता ढींगा सहगल की खंडपीठ द्वारा पारित आदेशों के अनुरूप लगभग पूरी सजा काट चुके हैं, लेकिन दिल्ली सरकार ने याचिकाकर्ता/दोषी को विशेष छूट नहीं दी है। इस पर कोर्ट ने चौटाला के वकील से पूछा कि इस याचिका को एकल न्यायाधीश के समक्ष सूचीबद्ध क्यों किया गया है, जबकि याचिकाकर्ता के मामले पर विचार करने के निर्देश डिवीजन बेंच द्वारा दिसंबर 2019 में पारित किए गए थे। पूर्व सीएम के लिए अपील करते हुए वरिष्ठ अधिवक्ता एन हरिहरन और एडवोकेट अमित साहनी ने दलील दी कि माननीय न्यायालय से संपर्क करने के लिए कितनी बार याचिकाकर्ता को जरूरत होगी, जबकि ओपी चौटाला लगभग पूरी सजावधि काट चुके हैं और उन्हें विशेष छूट का लाभ नहीं दिया जा रहा है।

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