नई दिल्ली। केंद्रीय कृषि कानूनों के विरूद्ध किसान संगठनों के रोल रोको अभियान के तहत किसानों ने हरियाणा के सिरसा जिले में दिल्ली-बठिंडा रेल लाईन को पांच अलग अलग जगहों बाधित कर अपना विरोध जताया। वहीं दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन ने सुरक्षा के दृष्टिकोण से टीकरी बॉर्डर सहित कुल चार मेट्रो स्टेशनों के प्रवेश और निकास द्वार बंद कर दिए।
किसानों ने दोपहर 12 बजे से सायं चार बजे तक सिरसा, डिंग, डबवाली, कालांवाली और ऐलनाबाद रेल लाईन जाम रखी। किसानों के इस आहवान के मद्देनजर कानून व्यवस्था बनाये रखने के लिये 26 ड्यूटी मजिस्ट्रेट के नेतृत्व में करीब एक हजार पुलिस जवान तैनात किये गये थे। हालांकि किसानों के रेल लोको आहवान के दौरान रेल का आवागमन नहीं हुआ लेकिन किसान रेल लाईन पर जमे रहे। किसानों के रेल रोको आंदोलन के आहवान के मद्देनजर रेलवे ने वीरवार को रेलों का संचालन ही बंद रखा।
पंजाब और हरियाणा में बृहस्पतिवार को किसान कई जगहों पर ट्रेन की पटरियों के पास एकत्र हो गए हैं। एहतियात के तौर पर अधिकारी ट्रेनों को स्टेशनों पर रोक रहे हैं। किसान आंदोलन के प्रमुख संगठन संयुक्त किसान मोर्चा ने कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग के लिए दबाव बनाने को लेकर 18 फरवरी को दोपहर 12 बजे से शाम चार बजे तक ‘रेल रोको’ का आह्वान किया था। भारतीय किसान यूनियन (एकता उग्रहान) के महासचिव सुखदेव सिंह कोकरीकलां ने बताया कि संगठन के सदस्य पंजाब के नाभा, मनसा, बरनाला, बठिंडा, फिरोजपुर, जालंधर और तरन तारन सहित 22 जगहों पर ट्रेन की पटरियां अवरुद्ध करेंगे।
अधिकारियों ने बताया कि हरियाणा और पंजाब दोनों राज्यों में सुरक्षा कड़ी कर दी गई है और सरकारी रेलवे पुलिस तथा राज्य पुलिस बल के कर्मियों को तैनात किया गया है। उत्तर रेलवे के फिरोजपुर डिवीजन ने ट्रेनों को स्टेशन पर ही रोकने का फैसला लिया है ताकि यात्रियों को ‘रेल रोको’ आह्वान के कारण परेशानी ना उठानी पड़े। अधिकारियों ने बताया कि किसानों के ‘रेल रोको’ आह्वान के कारण ट्रेनें देरी से चल सकती हैं। उन्होंने बताया कि प्रदर्शन समाप्त होने के बाद सुरक्षा नियमों का पालन करते हुए ट्रेन सेवा पुन:बहाल की जाएगी।
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