कौशांबी। सड़कों पर गुजरने वाले वाहनों के अभिलेखों को चेक करने और गलत वाहनों के सड़कों पर चलने से रोकने की जवाबदेही के लिए यातायात पुलिस विभाग बनाया गया है। लेकिन जिले में यातायात पुलिस विभाग इसके उल्टा करने पर उतारू है। वाहन चेकिंग के नाम पर केवल बाइक चालकों का शोषण कर धना दोहन यातायात पुलिस का मकसद बन चुका है। वाहन चेकिंग के नाम पर पूरे दिन केवल बाइक चालकों को चेक किया जाता है। जिले के प्रत्येक चौराहे बाजारों से प्राइवेट बसें टेंपो टैक्सी ई-रिक्शा विक्रम बेतरतीब तरीके से बीच सड़कों पर खड़े होकर सवारियां भरते हैं और अवैध तरीके से पूरे जिले में फर्राटा भरते हैं यह वाहन ओवरलोड भी चलते हैं और 30 परसेंट से अधिक वाहनों के चालकों के पास जायज लाइसेंस नहीं है। प्राइवेट वाहन चालक नियमों का पालन नहीं कर रहे हैं। लेकिन एक भी प्राइवेट वाहन पर वाहन चेकिंग के दौरान यातायात पुलिस कार्यवाही नहीं कर रही है। बालू लदे ट्रैक्टर और ट्रक ओवरलोड के बाद भी इन वाहनों पर यातायात पुलिस द्वारा कार्रवाई नहीं होती है लेकिन बाइक सवारों पर यातायात पुलिस इस कदर टूट पड़ती है। जैसे बाइक चालको ने देश की सीमा पार कर बड़ा अपराध कर दिए हैं। इन दिनों वाहनों के पीछे रैंपो रिफ्लेक्टिव टेप यातायात पुलिस द्वारा लगाया जा रहा है। रैम्पो रिफ्लेक्टिव टेप के लगाए जाने में अवैध वाहनों में यह टेप लगाकर यातायात पुलिस वाहवाही लूट रही है।
जिन वाहनों के पास रजिस्ट्रेशन ही नहीं है। उन वाहनों को सड़कों पर चलने का अधिकार नहीं है। लेकिन ऐसे ट्रालियों में भी रैंपो रिफ्लेक्टिव टेप यातायात पुलिस द्वारा लगाकर वाहवाही लूटी जा रही है। जिनका पंजीकरण भी नहीं है। यातायात पुलिस द्वारा बिना रजिस्ट्रेशन ट्रालियों में रिफ्लेक्टिव टेप लगाए जाने के मामले के जांच कराकर इनकी मनसा को उजागर करना होगा। साथ ही साथ वाहन जांच के नाम पर अवैध विक्रम टेंपो बसों पर इनकी मेहरबानी के मामले को आला अधिकारियों को संज्ञान लेना होगा। जिससे यातायात पुलिस के चेहरे की हकीकत उजागर होगी।
राजकुमार
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