अकांशु उपाध्याय
नई दिल्ली। देश में पेट्रोल और डीजल की कीमतें बृहस्पतिवार को नए रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गईं। हाल के समय में वाहन ईंधन कीमतों में सबसे बड़ी वृद्धि की गई है। पेट्रोलियम विपणन कंपनियों ने कहा है कि सरकार करों में कटौती के जरिये उपभोक्ताओं के बोझ को कम कर सकती है। सार्वजनिक क्षेत्र की पेट्रोलियम विपणन कंपनियों की मूल्य अधिसूचना के अनुसार करीब एक सप्ताह के अंतराल के बाद पेट्रोल और डीजल दोनों ईंधनों के दाम 35-35 पैसे प्रति लीटर बढ़ाए गए हैं। इस बढ़ोत्तरी के बाद दिल्ली में पेट्रोल 86.65 रुपये प्रति लीटर के नए उच्चस्तर पर पहुंच गया है। वहीं मुंबई में पेट्रोल 93.20 रुपये प्रति लीटर की नयी ऊंचाई पर पहुंच गया है। इसी तरह दिल्ली में डीजल 76.83 रुपये प्रति लीटर हो गया है। मुंबई यह 83.67 रुपये प्रति लीटर के अपने सर्वकालिक उच्चस्तर पर पहुंच गया है। देश की तीसरी सबसे बड़ी पेट्रोलियम विपणन कंपनी हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन (एचपीसीएल) के प्रमुख मुकेश कुमार सुराना ने कहा कि पिछले दो-तीन दिन में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल के दाम अचानक बढ़कर 59 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गए हैं। मांग और आपूर्ति में अंतर की अवधारणा के अलावा सऊदी अरब द्वारा उत्पादन में कटौती की वजह से कीमतों में तेजी आई है। वाहन ईंधन के खुदरा दाम उत्पादन की बेंचमार्क लागत के ऊपर केंद्र और राज्यों के कर के अलावा डीलर का कमीशन जोड़कर निकाले जाते हैं। मुकेश कुमार सुराना ने कहा, ”पेट्रोल पंप पर वाहन ईंधन के खुदरा दाम का सिर्फ 25 से 30 प्रतिशत अंतरराष्ट्रीय बेंचमार्क लागत पर निर्भर करता है। शेष केंद्र और राज्यों का कर होता है।’ उन्होंने कहा, ”हमारे पास बेंचमार्क लागत में बढ़ोत्तरी का बोझ ग्राहकों पर डालने के अलावा कोई विकल्प नहीं है।” सरकार के पास इसके लिए कराधान है। उन्होंने कहा कि मार्जिन काफी कम है। ”सरकार इस बात का जवाब दे सकती है कि कीमतों को कैसे रोका जाए।” पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने बुधवार को राज्यसभा में एक लिखित जवाब में कहा था कि दिल्ली में पेट्रोल के दाम में केंद्र सरकार के उत्पाद शुल्क का हिस्सा 32.98 रुपये है। वहीं इसमें राज्य सरकार के बिक्री कर या मूल्य वर्धित कर (वैट) का हिस्सा 19.55 रुपये है।
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