अजमेर दरगाह उर्स 809: कोविड टेस्ट रिपोर्ट बगैर शिरकत पर लगी पाबंदी, सिर्फ 24 घंटे ठहरने की इजाजत
नरेश राघानी
अजमेर। सरकारी नियमावली के तौर पर विश्व विख्यात सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती के 809वें उर्स पर जायरीनों को ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराना होगा। साथ ही कोविड टेस्ट की नेगेटिव रिपोर्ट साथ में लानी अनिवार्य रहेगी। जायरीनों को ठहराव स्थल पर 24 घंटे से ज्यादा नहीं ठहरने दिया जाएगा। साथ ही 65 साल से ज्यादा और 10 साल से कम उम्र के जायरीन, गर्भवति महिलाओं व बीमार जायरीन को प्रवेश नहीं दिया जानेवाला है। इसके लिए सभी जायरीनों के राज्यों एवं सरकारों को पत्र लिखा जाएगा! चांद पर है उर्स मुबारक।
ख्वाजा साहब का उर्स चांद दिखाई देने पर अंदाजन 12 फरवरी से शुरू होगा! पूर्व में कोरोना को देखते हुए विश्राम स्थानों को इस बार बंद रखे जाने का निर्णय किया गया था। लेकिन अब विश्राम स्थलों में जायरीन के ठहरने की व्यवस्था की जा सकेगी! हालांकि विश्राम स्थलों पर भी कोविड-19 के तहत नियमों का पालना अनिवार्य होगा! दरगाह शरीफ से नाजिम अश्फाक हुसैन ने बताया कि विश्राम स्थलों पर आने वाले सभी जायरीन का कोविड टेस्ट रिपोर्ट के साथ रजिस्ट्रेशन होगा! साथ ही किसी भी जायरीन को 24 घंटों से ज्यादा नहीं ठहरने दिया जाएगा।
राज्य सरकार को लिखे पत्र
अजमेर जिला पुलिस अधीक्षक जगदीश चन्द्र शर्मा के अनुसार उर्स में आने वाले जायरीन के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन के लिए व्यवस्था की जा रही है। इसके लिए जिला प्रशासन जल्द ही बेवसाइट शुरू करेगा। कोविड की नेगेटिव रिपोर्ट साथ लाना अनिवार्य होगा। इसके लिए सभी राज्य सरकारों को पत्र लिखे जा चुके हैं।
यह रहेगा उर्स का कार्यक्रम
-8 फरवरी को चढ़ेगा उर्स का झंडा
-11 फरवरी को उतारा जाएगा संदल
-12 फरवरी को खुलेगा जन्नती दरवाजा
-13 या 14 फरवरी को होगी रजब की पहली तारीख
-12 और 19 फरवरी को होगी जुमे की नमाज
-18 या 19 फरवरी होगी कुल की रस्म
-21 या 22 फरवरी को होगी बड़े कुल की रस्म
11 को उतरेगा संदल
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