रविवार, 28 फ़रवरी 2021

कांग्रेस के द्वारा सदन में अविश्वास प्रस्ताव प्रस्तुत

राणा ओबराय  
चंडीगढ़। हरियाणा विधानसभा का बजट सत्र 5 मार्च से शुरू होने जा रहा है। जिसके लिए सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। जानकारी देते हुए हरियाणा विधानसभा के अध्यक्ष ज्ञान चंद गुप्ता ने बताया कि कांग्रेस के सदन में अविश्वास प्रस्ताव लाने को लेकर एक गैर सरकारी प्रस्ताव कांग्रेस की तरफ से उन्हें प्राप्त हुआ है। जो भी नियमानुसार होगा। उसके ऊपर विचार कर अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा करवाएंगे। गुप्ता ने कहा कि अविश्वास प्रस्ताव अलग विषय है और कृषि कानूनों पर चर्चा अलग विषय है। जबकि पिछले सत्र के दौरान भी हमने कृषि कानूनों पर चर्चा के लिए कांग्रेस के सदस्यों से निवेदन किया था। लेकिन वे केवल वोटिंग चाहते थे और उन्होंने चर्चा में भाग नहीं लिया। उन्होंने कहा कि इस स्त्र के दौरान अगर वे इन कानूनों पर चर्चा करना चाहेंगे तो इसपर विचार किया जाएगा। नेता प्रतिपक्ष भूपिंदर सिंह हुड्डा कहते हैैं कि मौजूदा प्रदेश सरकार लोगों का और विधायकों का विश्वास खो चुकी है। समर्थन करने वाले निर्दलीय विधायक समर्थन वापस ले चुके हैं। जेजेपी विधायक आए दिन इनके खिलाफ बयान दे रहे हैं। 26 जनवरी को मुख्यमंत्री को पानीपत में होने वाले कार्यक्रम को बदलना पड़ा। इसका साफ मतलब है कि लोगों में विश्वास नहीं रहा। अविश्वास प्रस्ताव हम असेंबली में लेकर आएंगे। अविश्वास प्रस्ताव को पटल पर आ भी पाएगा या नहीं ? पर हुड्डा का कहना है कि वह तो अधिकार है। 18 विधायक जब दस्तखत करेंगे तो वह तो करना ही पड़ेगा। गरीब, व्यापारी परेशान हैं। सरकार ने किसी एक वर्ग के हित में भी काम नहीं किया। हर वर्ग इनसे निराश है। केंद्र के बजट में भी आशा को निराशा में बदलने का काम किया। खास तौर पर कृषि क्षेत्र का आवंटन कम किया गया। मनरेगा का रेट भी नहीं बनाया गया। डिफेंस का तो इन्होंने जिक्र भी नहीं किया। केंद्र ने बिल्कुल निरस्त बजट पेश किया। स्टेट को मिलने वाली राशि भी नहीं बढ़ाई गई। हरियाणा के पिछले बजट का लाभ भी किसी को नहीं पहुंचा था। इस बार जो बजट आएगा, उसे देखकर ही हम अपनी प्रतिक्रिया देंगे, लेकिन इनसे कोई खास उम्मीद करना समझदारी नहीं होगा।कांग्रेस की नेता किरण चौधरी कहती हैं कि बहुत सारे सवाल भेजे हुए हैं। बिजली-पानी सीवरेज के मुद्दे हैं। एसआईटी गठित हुई थी, उसके परिणाम आया है। 50 लोग मर गए थे। एसआईटी ने साफ कह दिया कि पूरे हरियाणा में गोरखधंधा हो रहा है। माइनिंग माफिया मौज कर रहे हैं। मुद्दे ही मुद्दे हैं। हमें यह समय तो देते ही नहीं। पता नहीं कितने प्रश्न, कालिंग अटेंशन मोशन देती हूं, लेकिन एक भी नहीं लगा। इस बजट में किसानों के लिए तो प्रावधान है ही नहीं। इन्होंने कृषि का बजट घटा दिया है। 7 फ़ीसदी किसान निधि घटा दी है। समालखा से विधायक धर्म सिंह छोक्कर का कहना है कि बजट सत्र में बहुत मुद्दे हैं। बेरोजगारी, किसान आंदोलन, लॉ एंड ऑर्डर जैसे अनगिनत मुद्दे हैं। इस बार का बजट सत्र बहुत महत्वपूर्ण होगा। इसमें किसानों के बिलों की बात आएगी। जिस प्रकार से सरकार के मंत्रियों को झंडा फहराने के लिए जगह बदलनी पड़ी, इससे यह तय है कि सरकार को डर है। आज हरियाणा की ही नहीं पूरे हिंदुस्तान की जनता किसानों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी है। सभी पार्टियां भी उन्हें सपोर्ट कर रही हैं। आज केवल कंडेला ही नहीं पूरे हिंदुस्तान के कोने कोने से किसान आए हुए हैं। वहीं हरियाणा के गृह व स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज मानते है कि कांग्रेस बजट सत्र में अविश्वास प्रस्ताव लाने की जो बातें कर रही हैं। वह औंधे मुंह गिरेंगा। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल जो वित्त मंत्री भी हैं। द्वारा पेश होने वाला बजट जन हितैषी, गरीबों मजदूरों, किसानों व सभी वर्गों के लिए हितकारी होगा। केंद्रीय सरकार के बजट में जिस प्रकार कोविड-19 के दौरान जिस प्रकार बजट में खास वंयवस्था की गई है। हरियाणा सरकार ने कोविड 19 के दौरान पहले भी। कोई कसर नहीं छोड़ी है अब भी बजट में इसकी झलक नजर आएगी। हरियाणा सरकार में शिक्षा व पर्यटन मंत्री कँवर पाल गुज्जर ने कहा है कि सदन में डिस्कशन होने पर कांग्रेस बेनकाब होगी। जो बिल्कुल किसान के विरोध में चल रही है। जिसने अपने घोषणापत्र में कानून का वायदा किया। हाल ही में प्रधानमंत्री ने भी कहा है यह तो मनमोहन की इच्छा थी। वह भी इन्हें बनाना चाहते थे। कम से कम उनकी इच्छा का सम्मान करो। बेनकाब होने के डर से पिछली बार कांग्रेस वाकआउट करके निकल गई थी। क्योंकि उनके पास कोई तर्क नहीं था। गुज्जर कहते हैं कि हमारे भाजपा के 40 सदस्य हैं। 10 जेजेपी के सदस्यों का समर्थन हमें प्राप्त है। निर्दलीयों का भी समर्थन है, तो अल्पमत में कहां से है। हरियाणा के परिवहन व खनन मंत्री मूलचंद शर्मा ने आने वाले बजट सत्र के बारे में बताया कि वित्त मंत्रालय भी प्रदेश के मुख्यमंत्री मनोहर लाल जी के पास है और आने वाला बजट सत्र बहुत बेहतरीन बजट होगा। आम आदमी के हित में होगा। इस बजट में हर वर्ग का ध्यान रखा जाएगा। हर आदमी को सहूलियत देने का काम किया जाएगा। किसान, मजदूर, गरीब, महिला, बच्चे, बुजुर्गों का इस बजट में खास ध्यान रखा जाएगा और रही बात अविश्वास प्रस्ताव लाने की तो यह कांग्रेस का काम है। सरकार अपना काम करेगी। कृषि मंत्री जेपी दलाल ने कहा कि दलाल ने कहा कि कांग्रेस सरकार को गिराने के सपने केवल सपने ही रह जाएंगे। उन्होंने कहा प्रधानमंत्री और केंद्रीय कृषि मंत्री ने किसानों से बुजुर्गों-महिलाओं और बच्चों को घर भेजने की प्रार्थना की। बच्चों को आंदोलन में बिठा कर रखने का कोई औचित्य नहीं है। कृषि मंत्री जेपी दलाल ने कहा कि कांग्रेस इस आंदोलन के तहत किसानों के कंधे पर बंदूक रखकर कुर्सी की लड़ाई लड़ रही है। वह सरकार गिराने के लिए षड्यंत्र रच रही है। जबकि प्रदेश सरकार के बनने-टूटने का किसानों की समस्या से कोई ताल्लुक नहीं है।

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