बुधवार, 3 फ़रवरी 2021

पुलिस एवं प्रेस लिखी गाड़ियाँ परेशानी का सबब

अकांशु उपाध्याय   
 नई दिल्ली। राष्ट्र के चौथे स्तम्भ कहे जाने वाले प्रेस एवं लोगों की सुरक्षा की जिम्मेदारी संभाल रहे पुलिस महकमा के लोगो के लिये सड़क पर दौड़ रही वाहनों पर पुलिस एवं प्रेस लिखी गाड़ियाँ परेसानी का सबब बनी हुई ही जिसका कोई पुरसाहाल नही है। उल्लेखनीय है कि सड़क पर दौड़ रहे फर्जी प्रेस एवं पुलिस लिखी गाड़ियां जहॉं प्रशाशन तथा पत्रकारों के लिए परेसानी का सबब बनी हुई हैं। वहीं न्यायालय के आदेश की धज्जियां उड़ाई जारही है। मालूम होकि प्रदेश में जहॉं फर्जी पत्रकारों की बाढ़ आई हुई है। वही फर्जी पुलिस कर्मियों की भी कमी नही है। विगत कुछ दिनों पूर्ब नगर के किसान चौक पर एक फर्जी पुलिस कर्मी को रोब गाँठते हुए असली पुलिस कर्मियों ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। परन्तु मामला ढाँक के तीन पात साबित हुए और आजभी पुलिस एवं प्रेस लिखी गाड़ियाँ धड़ल्ले के साथ सड़को पर दौड़ती देखी जासकती हैं। जिसका कोई पुरसाहाल हाल नही नही है। जबकि न्यायालय के द्वारा ऐसे लोगों तथा वाहनों पर रोक लगाए जाने का फरमान जारी किया गया है।
दुर्गेश मिश्र

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