चंडीगढ़। कोरोना काल में जब अर्थव्यवस्था डगमगा गई थी। तब सरकार ने लॉकडाउन में शराब की दुकानें खोलने का फैसला किया। कहना गलत नहीं होगा की देश की अर्थव्यवस्था में शराबियों का बड़ा हाथ है। खैर छोड़ो मजे दार बात तो ये है कि हरियाणा के जींद जिले के लोगों ने शराब पीने में एक तरफ से रिकॉर्ड तोड़ दिया है। दरअसल आपको जानकर हैरानी होगी कि जींद जिले के लोग केवल आठ माह में ही 140 करोड़ रुपये की शराब गटक गए हैं। उप आबकारी एवं कराधान आयुक्त (डीईटीसी) रणधीर सिंह ने बताया कि शराब ठेकों से जिला आबकारी विभाग के पास लगभग 140 करोड़ रुपये का राजस्व आठ माह में मिल गया है।
160 करोड़ रुपये का विभाग का टारगेट मिला है। इसे भी समय से पहले ही पूरा कर लिया जाएगा। हालांकि सरकार की नई आबकारी नीति के तहत जींद के आबकारी विभाग को 160 करोड़ के राजस्व हासिल करने का टारगेट मिला था। और विभाग आठ माह में ही टारगेट के बहुत निकट पहुंच चुका है। कोरोना में लॉकडाउन के कारण तीन महीने तक शराब ठेके बंद भी रहे, फिर भी सरकार के खजाने में जींद के लोगों ने 140 करोड़ रुपये पहुंचा दिए हैं। गौरतलब है कि गत वर्ष मार्च माह में नई आबकारी नीति को लागू किया गया था और 23 मार्च को ही कोरोना संक्रमण के चलते लॉकडाउन लग गया था।
जिसके चलते शराब ठेकों को बंद कर दिया गया था। हरियाणा प्रदेश में 7500 करोड़ रुपये और जींद जिले में 160 करोड़ रुपये का राजस्व जुटाने का लक्ष्य सरकार ने रखा था। अनलॉक हुआ और छह मई से नई नीति लागू हो पाई। तब से 31 जनवरी तक जींद के आबकारी विभाग को शराब ठेकों से 140 करोड़ का राजस्व मिला है। यह पिछले वर्ष के मुकाबले भी काफी बेहतर है।
फिलहाल वर्तमान वित्तीय वर्ष में आबकारी विभाग द्वारा कुल 284 शराब ठेके और उप ठेके खेले गए हैं। इनमें शराब के 104 ठेके और 180 उप ठेके हैं। विभाग द्वारा देशी शराब का कोटा 64.80 लाख प्रूफ लीटर और अंग्रेजी शराब का 7.28 लाख प्रूफ लीटर निर्धारित किया गया है। इस वित्तीय वर्ष की शराब ठेकों को लेकर लाइसेंस फीस 108 करोड़ रुपये निर्धारित की गई है।
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