अकांशु उपाध्याय
नई दिल्ली। दिल्ली पुलिस ने केंद्र के नए कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसानों द्वारा शनिवार को आहूत राष्ट्रव्यापी ‘चक्का जाम’ के कारण पैदा हो सकने वाले हालात से निपटने के लिए अर्द्धसैन्य बलों समेत हजारों कर्मियों को तैनात किया है और शहर के सभी सीमा बिंदुओं पर सुरक्षा कड़ी कर दी है।
हालांकि संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने शुक्रवार को कहा था कि दिल्ली, उत्तर प्रदेश एवं उत्तराखंड में शनिवार को चक्का जाम के दौरान मार्गों को बंद नहीं किया जाएगा। उसने कहा कि किसान देश के अन्य हिस्सों में शांतिपूर्ण तरीके से तीन घंटे के लिए राष्ट्रीय एवं राज्य राजमार्गों को बाधित करें। गणतंत्र दिवस पर हुई हिंसा के बाद, दिल्ली पुलिस ने शहर और इसी सीमाओं पर सुरक्षा कड़ी करने और सतर्कता बढ़ाने समेत अतिरिक्त कदम उठाए हैं। लाल किले एवं आईटीओ समेत राष्ट्रीय राजधानी के अहम स्थानों पर बलों को तैनात किया गया है। लाल किले और आईटीओ पर 26 जनवरी को ट्रैक्टर परेड के दौरान हिंसा हुई थी, जिसमें 500 से अधिक पुलिसकर्मी घायल हो गए थे और एक प्रदर्शनकारी की मौत हो गई थी।
पुलिस प्रदर्शन स्थलों पर कड़ी नजर रखने के लिए ड्रोन कैमरों का इस्तेमाल कर रही है। पुलिस ने प्रदर्शन स्थलों पर बहुस्तरीय अवरोधक लगाने, कंटीली तारें लगाने और सड़कों पर कीलें लगाने समेत कई कदम एहतियातन उठाए हैं। अधिकारियों ने बताया कि बलों के खिलाफ अफवाह फैलाने वालों पर नजर रखने के लिए सोशल मीडिया की सामग्री पर नजर रखी जा रही है।
किसान संगठनों ने छह फरवरी को ‘चक्का जाम’ किये जाने की सोमवार को घोषणा की थी। किसान नेताओं ने कहा था कि वे छह फरवरी की दोपहर 12 बजे से अपराह्र तीन बजे तक सड़कों को अवरुद्ध करेंगे। दिल्ली पुलिस के जनसंपर्क अधिकारी चिन्मय बिस्वाल ने कहा कि 26 जनवरी को हुई हिंसा के मद्दनेजर दिल्ली पुलिस ने सीमाओं पर सुरक्षा के पर्याप्त प्रबंध किए हैं ताकि उपद्रवी दिल्ली में न घुस पाएं।
पुलिस ने बताया कि उसने चक्का जाम के कारण पैदा हो सकने वाले हर प्रकार के हालात से निपटने के लिए अतिरिक्त कदम उठाए हैं। बिस्वाल ने कहा, ‘‘हम सोशल मीडिया संबंधी सामग्री पर नजर रख रहे हैं ताकि पुलिस के खिलाफ अफवाह न फैलाई जा सके। हम अन्य राज्यों के पुलिस बलों के संपर्क में भी हैं।’’
पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि ‘चक्का जाम’ के दौरान कानून व्यवस्था में खलल डालने या सामान्य जनजीवन को प्रभावित करने वाली किसी भी तरह की स्थिति उत्पन्न होने से रोकने के उद्देश्य से समूचे बाहरी-उत्तरी दिल्ली जिले में पर्याप्त बल तैनात किए जा रहे हैं। सावधानी के तौर पर गाजीपुर बॉर्डर पर अवरोधकों के पीछे सड़कों पर लोहे की नुकीली कीलों का स्थान बदला गया है।
अधिकारी ने कहा, ‘‘हम सावधानी के तौर पर दिल्ली के समूचे बाहरी-उत्तरी जिले में सभी महत्वपूर्ण बिन्दुओं पर बलों की तैनाती कर रहे हैं, ताकि यातायात और सामान्य जनजीवन प्रभावित न हो पाए, कानून व्यवस्था में कोई खलल न पड़े और नियमों का उल्लंघन कर कोई अनधिकृत ‘चक्का जाम’ न हो।’’
पुलिस उपायुक्त (पूर्वी) दीपक यादव ने कहा, ‘‘प्रदर्शनकारी किसानों के अनुसार, वे राष्ट्रीय राजधानी में प्रवेश नहीं करेंगे, लेकिन फिर भी सावधानी के तौर पर हमने कानून व्यवस्था की स्थिति बनाए रखने के लिए पर्याप्त सुरक्षा प्रबंध किए हैं। जिले में सभी महत्वपूर्ण बिन्दुओं और स्थलों पर पर्याप्त पुलिस बल की तैनाती होगी।’’
उन्होंने कहा, ‘‘सभी सीमा बिन्दुओं पर अतिरिक्त चौकी होंगी। चौकियों और सीमाओं के सभी प्रवेश और निकास बिन्दुओं पर वाहनों की सघन जांच होगी। अतिरिक्त बसें पहले ही लगाई जा चुकी हैं और शहर में चौकियों पर अतिरिक्त अवरोधक लगाए जा रहे हैं।’’
पंजाब और हरियाणा में किसानों ने सड़कें अवरुद्ध कीं
किसान यूनियनों द्वारा शनिवार को आहूत राष्ट्रव्यापी ‘चक्का जाम’ के दौरान पंजाब और हरियाणा में नए केन्द्रीय कृषि कानूनों और अन्य मुद्दों को लेकर प्रदर्शन कर रहे किसानों ने कई जगह सड़कें अवरुद्ध कर दीं। विभिन्न किसान निकायों से जुड़े प्रदर्शनकारी किसानों ने शनिवार को विभिन्न स्थानों पर राजकीय और राष्ट्रीय राजमार्गों को अवरुद्ध कर दिया, जिसके कारण यात्रियों को असुविधा का सामना करना पड़ा। अधिकारियों ने कहा कि पुलिस ने सुरक्षा बढ़ा दी है और यातायात का मार्ग बदलने के लिये सभी प्रबंध कर लिये हैं।
भारती किसान यूनियन (एकता उग्रहां) के महासचिव सुखदेव सिंह कोकरिकलां ने कहा कि वे पंजाब के संगरूर, बरनाला और बठिंडा समेत 15 जिलों के 33 स्थानों पर सड़कें अवरुद्ध कर रहे हैं। इससे पहले सुबह के समय किसानों ने दोनों राज्यों में चक्का जाम के लिये प्रदर्शन स्थलों पर एकत्रित होना शुरू कर दिया। अंबाला के निकट शंभू में पंजाब-हरियाणा सीमा पर एक प्रदर्शनकारी ने कहा, ‘बुजुर्ग और युवा चक्का जाम में हिस्सा लेने के लिये यहां एकत्रित हुए हैं।’
राजस्थान में किसानों ने कई जगह चक्काजाम किया
केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहीं किसान यूनियनों के समर्थन में किसानों ने राजस्थान में कई जगह ‘चक्का जाम’ किया। राज्य के गंगानगर, हनुमानगढ़, धौलपुर व झालावाड़ सहित अनेक जगह पर किसानों द्वारा चक्काजाम के समाचार हैं जहां किसान मुख्य सड़कों या राजमार्गों पर धरने पर बैठे हैं।
राज्य में किसानों के इस चक्काजाम को विभिन्न किसान संगठनों के साथ-साथ कांग्रेस ने भी समर्थन दिया है। कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने ट्वीट किया, ‘‘आंदोलनरत किसानों द्वारा आज दोपहर 12 बजे से 3 बजे तक राष्ट्रीय व राज्य राजमार्ग चक्काजाम करने के आह्वान का राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी समर्थन करती है। सभी कांग्रेसजनों से निवेदन है कि इस शांतिपूर्ण चक्काजाम को सफल बनाने के लिए आवश्यक कदम उठाएँ।’’
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