राणा ओबराय
जींद। कृषि कानूनों के खिलाफ किसान संगठनों के आंदोलन के 70वें दिन हरियाणा के जींद जिले में महापंचायत हो रही है। यह महापंचायत कंडेला में हो रही है। जिसमें सैकड़ों गांवों के किसान एकत्रित हुए हैं। हरियाण के जींद में किसानों की महापंचायत में किसान नेता राकेश टिकैट पहुंचे। उन्होंने कहा कि सरकार के पास अक्टूबर तक का वक्त है। अगर सरकार नहीं मानी तो हम 44 लाख टैक्टर के साथ मार्च करेंगे। इस महापंचायत में हरियाणा के करीब 50 खापों के प्रतिनिधि भी महापंचायत शामिल हैं। इस महापंचायत में किसान आंदोलन की आगामी रणनीति बनाई जाएगी।राकेश टिकैत ने सरकार को ललकारते हुए कि 30 लाख लोग दिल्ली के अंदर आंदोलन में शामिल हुए। वहां उस दिन अगर मैंने अगर पानी की जगह आग मांग ली होती तो पता नहीं क्या होता, लेकिन मैंने पानी इसलिए मांगा क्योंकि पानी की तासीर ठंडी होती है। उन्होंने किसानों से कहा कि आप गुस्सा नहीं करेंगे आप अपना गुस्सा हमें दे दे। राकेश टिकैत ने कहा कि जब जब राजा डरता है तब-तब किलेबंदी करता है। उन्होंने कहा कि कीलें तो लाल किले पर भी गाडी गईं थीं। हम दिखा देंगे आने वाले 400 सालों तक ये आंदोलन याद रखा जाएगा। हम ये कीलें अपने खेतों में नहीं लगाते हैं। मेरा शरीर इन कीलों पर लेटेगा। उन्होंने सरकार को ललकारते हुए कहा कि यदि इस देश के युवा ने अगर गद्दी बदलने पर आ गया तो सरकार के लिए बुरा हो जाएगा। टिकैत ने गाजीपुर बॉर्डर पर लगी हुईं किलों पर नाराजगी जताते हुए कहा कि ये कीलें उखाड़ ली जाएंगी और चौपाल में रखी जाएंगी। ये कीलें आने वाली पुस्तों को दिखाई जाएंगी कि कैसे किसान लड़ाई जीता था। हरियाणा के जींद में किसानों की महापंचायत हो रही है। यहां पर बना मंच टूट गया है। मंच पर तय सीमा से अधिक लोग चढ़ गए थे। जिसके बाद मंच ही टूट पड़ा. इस दौरान राकेश टिकैत भी वहां मौजूद थे। लेकिन सभी लोग संभले और राकेश टिकैत ने कहा कि कोई दिक्कत नहीं है। किसानों की लड़ाई मजबूती से लड़ी जा रही है।
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