अकांशु उपाध्याय
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को कहा कि भारत के पास हथियार एवं सैन्य उपकरण बनाने का सदियों पुराना अनुभव है। लेकिन देश की आजादी के बाद अनेक वजहों से इस व्यवस्था को उतना मजबूत नहीं किया गया। उन्होंने जोर देकर कहा, कि भारत अब अपनी रक्षा विनिर्माण क्षमता को तेज गति से बढ़ाने को प्रतिबद्ध है। रक्षा क्षेत्र में केंद्रीय बजट प्रावधानों को प्रभावी ढंग से लागू करने के विषय पर आयोजित वेबिनार को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता लाने की दिशा में उठाये गए कदमों का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि आजादी के पहले हमारे यहां सैकड़ों तोपखाने (ऑर्डिनेंस फैक्ट्रियां) होती थीं। दोनों विश्व युद्धों में भारत से बड़े पैमाने पर हथियार बनाकर भेजे गए थे, लेकिन आजादी के बाद अनेक वजहों से इस व्यवस्था को उतना मजबूत नहीं किया गया, जितना किया जाना चाहिए था।
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