जुआली द्वारा मंगलवार को जारी एक अधिसूचना में सभी गांवों को इलाके में म्यांमार के शरणार्थियों के दिखने पर जिला प्रशासन को सूचित करने का निर्देश दिया गया है। अधिकारियों ने बताया कि 1980 के दशक में सैन्य जुंटा के कारण म्यांमार के चिन समुदाय के हजारों सदस्य मिजोरम आ गए थे। पड़ोसी देश में लोकतंत्र बहाल होने पर कई लोग लौट गए थे लेकिन हजारों लोग अब भी राज्य में हैं। म्यांमार के चिन और भारत के मिजो, एक ही कुल और संस्कृति के हैं।
बुधवार, 10 फ़रवरी 2021
म्यांमार के सशस्त्र समूह ने भारत में मांगी पनाह
म्यांमार/आइजोल। म्यांमार के सशस्त्र उग्रवादी समूह चिन नेशनल आर्मी (सीएनए) ने पड़ोसी देश में तख्तापलट के मद्देनजर भारत में अपने परिवारों के लिए शरण की गुहार लगाई है। मिजोरम के चंफाई जिला की उपायुक्त मारिया सी टी जुआली ने बताया कि चिन नेशनल फ्रंट (सीएनएफ) की सशस्त्र इकाई सीएनए ने 40 परिवारों के लिए शरण का अनुरोध किया है। उन्होंने कहा कि सीएनए ने फरकावन ग्राम परिषद के अध्यक्ष से इस बारे में बात की और उन्होंने चंफाई जिला प्रशासन को इस बारे में अवगत कराया। जुआली ने कहा कि उन्होंने शीर्ष अधिकारियों को मामले की सूचना दी है। अधिकारियों ने बताया कि जिला प्रशासन ने तख्तापलट के मद्देनजर म्यांमार से बड़ी संख्या में शरणार्थियों के आने की आशंका को लेकर एक अलर्ट जारी किया है। मिजोरम में म्यांमार से लगी 404 किलोमीटर की अंतरराष्ट्रीय सीमा है।
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