बुधवार, 3 फ़रवरी 2021

निर्दोष किसानों को निशाना न बनाए सरकार: आजाद

राज्यसभा में कांग्रेस ने कहा- निर्दोष किसानों को निशाना न बनाए सरकार, कृषि कानून वापस हों
अकांशु उपाध्याय 
नई दिल्ली। गणतंत्र दिवस के दिन किसानों की ट्रैक्टर परेड के दौरान दिल्ली के लाल किले में हुयी हिंसा की कड़ी निंदा करते हुए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा, कि दोषी लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए। किंतु निर्दोष किसानों को निशाना नहीं बनाया जाना चाहिए। उन्होंने सरकार से नए कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग भी मांग भी की
राज्यसभा में बुधवार को विपक्ष के नेता आजाद ने किसानों को देश की सबसे बड़ी ताकत करार देते हुए कहा कि किसान अंग्रेजों के जमाने से संघर्ष करते रहे हैं। और हर बार उन्होंने शासन को झुकने के लिए मजबूर किया। आजाद ने राष्ट्रपति अभिभाषण पर सदन में हुयी चर्चा की शुरूआत करते हुए कहा कि किसान हमेशा से संषर्ष करते रहे हैं। इस क्रम में उन्होंने विभिन्न किसान आंदोलनों का भी विस्तार से जिक्र किया और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मांग की कि नए कृषि कानूनों को वापस लिया जाना चाहिए। आजाद ने जब यह बात कही, प्रधानमंत्री मोदी उस समय सदन में मौजूद थे।
आजाद ने कहा कि किसानों की ताकत देश की सबसे बड़ी ताकत है। और उनसे लड़ाई कर हम किसी नतीजे पर नहीं पहुंच सकते। उन्होंने 1900 के दशक में पंजाब में हुए किसान आंदोलनों के दौरान लोकप्रिय गीत पगड़ी संभाल जट्टा पगड़ी संभाल की कुछ पंक्तियों को भी उद्धृत किया और कहा कि किसानों ने अंग्रेज सरकार को भी अपने कानून वापस लेने के लिए मजबूर कर दिया था। इससे पहले भाजपा सांसद भुवनेश्वर कालिता ने राष्ट्रपति अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पेश किया। उन्होंने प्रस्ताव किया राष्ट्रपति ने 29 जनवरी, 2021 को संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक में जो अभिभाषण दिया है। उसके लिए राज्यसभा के वर्तमान सत्र में उपस्थित सदस्य राष्ट्रपति के प्रति अपनी हार्दिक कृतज्ञता ज्ञापित करते हैं। भाजपा के विजयपाल सिंह तोमर ने प्रस्ताव का समर्थन किया।
चर्चा में भाग लेते हुए आजाद ने जय जवान, जय किसान नारे का जिक्र करते हुए कहा कि देश की सीमाओं की रक्षा में लगे सैनिक अत्यंत प्रतिकूल स्थिति में रहते हैं। जहां तापमान शून्य से 50 डिग्री सेल्सियस तक नीचे चला जाता है। उन्होंने पिछले साल गलवान घाटी में शहीद हुए देश के 20 जवानों को श्रद्धांजलि दी। उन्होंने नए कृषि कानूनों के खिलाफ पिछले ढाई महीने से चल रहे आंदोलन के दौरान अपनी जान गंवाने वाले किसानों को भी श्रद्धांजलि दी। आजाद ने 26 जनवरी को हुयी हिंसा का जिक्र करते हुए कहा कि राष्ट्रीय ध्वज का अपमान बेहद निंदनीय है। और उस घटना में शामिल लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए। लेकिन इस क्रम में निर्दोष किसानों को निशाना नहीं बनाया जाना चाहिए। उन्होंने 26 जनवरी के दिन गुम हुए लोगों की तलाश किए जाने की भी मांग की।
कांग्रेस सांसद शशि थरूर और कुछ पत्रकारों के खिलाफ देशद्रोह का मुकदमा दर्ज किए जाने का जिक्र करते हुए आजाद ने कहा कि जो व्यक्ति देश का पूर्व विदेश राज्य मंत्री रह चुका हो तथा विश्व में देश का नेतृत्व कर चुका हो, जिसे लोगों ने लोकसभा के लिए चुना हो।वह व्यक्ति देशद्रोही कैसे हो सकता है। श्रीलंका की नौसेना के हाथों चार मछुआरों के मारे जाने का उठा मुद्दा। सरकार ने कहा कि जनवरी माह में श्रीलंका की नौसेना के हाथों तमिलनाडु के चार मछुआरों के मारे जाने का मुद्दा पड़ोसी देश के समक्ष उठाया गया है। और स्पष्ट शब्दों में कहा गया है। कि इस तरह की घटनाओं को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने राज्यसभा में शून्यकाल के दौरान सदस्यों द्वारा यह मुद्दा उठाए जाने पर कहा कि इस बारे में पड़ोसी देश से बात की जा चुकी है। उन्होंने कहा श्रीलंका की सरकार के समक्ष यह मुद्दा उठाया गया और स्पष्ट शब्दों में कहा गया है। कि इस तरह की घटनाओं को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
कांग्रेस ने बीमा कंपनियों पर लगाया किसानों के साथ धोखा करने का आरोप...
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना शुरू होने के पांच साल बाद भी किसानों को इसका समुचित लाभ नहीं मिल पाने का दावा करते हुए राज्यसभा में बुधवार को कांग्रेस के एक सदस्य ने बीमा कंपनियों पर किसानों के साथ धोखा करने का आरोप लगाया और सरकार से इस ओर ध्यान देने की मांग की। उच्च सदन में शून्यकाल के दौरान कांग्रेस के राजामणि पटेल ने कहा कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना 2016 में शुरू की गई थी। उन्होंने कहा लेकिन कई किसानों को प्राकृतिक आपदा की वजह से फसल खराब होने के तीन चार साल बाद भी मुआवजा नहीं मिल पाया है। बीमा कंपनियां किसानों को धोखा दे रही हैं। किसान खुद को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं। उन्होंने मांग की कि किसानों के साथ धोखा करने वाली बीमा कंपनियों पर कार्रवाई की जानी चाहिए।
नायडू ने मोबाइल फोन पर सदन की कार्यवाही रिकॉर्डिंग करने पर चेताया...
राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू ने उच्च सदन के सदस्यों को सदन की कार्यवाही की मोबाइल फोन से रिकॉर्डिंग करने पर आगाह करते हुए कहा कि ऐसी अनधिकृत रिकॉर्डिंग और सोशल मीडिया पर उसका प्रसार संसदीय विशेषाधिकरों का हनन और सदन की अवमानना हो सकता है। सदन की कार्यवाही आरंभ होते ही सभापति नायडू ने कहा कि संसदीय नियमों के मुताबिक राज्यसभा कक्ष में सैल्यूलर फोन का इस्तेमाल नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि सदस्यों को कक्ष में ऐसी अवांछित गतिविधियों से बचना चाहिए। ज्ञात हो कि कुछ विपक्षी सदस्यों ने मंगलवार को कृषि विधेयकों को लेकर सदन में हो रहे हंगामे को अपने मोबाइल कैमरों में कैद किया और उन्हें सोशल मीडिया पर साझा भी किया। कुछ चैनलों ने इन्हें प्रसारित भी किया।

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