सोमवार, 8 फ़रवरी 2021

कृषि सुधार जरूरी, आंदोलन खत्म करें किसान

गरीबी उन्मूलन के लिए कृषि सुधार जरूरी, आंदोलन खत्म करें किसान
अकांशु उपाध्याय  
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को दोहराया कि उनकी सरकार गरीबों को समर्पित सरकार है। और गरीबी उन्मूलन के लिए कृषि सुधार जरूरी है। प्रधानमंत्री मोदी ने राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण के धन्यवाद प्रस्ताव पर तीन दिन तक चली चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि कि देश में 12 करोड़ किसानों के पास दो एकड़ से भी कम भूमि है। और उन्हें सरकार द्वारा दी जा रही सहायता का कोई लाभ नहीं मिल पाता है। सरकार का इरादा इन किसानों तक पहुंचना है। उन्होंने कहा कि कृषि सुधार हमेशा से ही पिछली सरकारों की भी प्राथमिकता में रहे हैं। उन्होंने इसके लिए पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री और चौधरी चरण सिंह का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि किसानों को अपना आंदोलन वापस ले लेना चाहिए। कोई कानून अंतिम नहीं है। इनमें सुधार की व्यापक गुंजाइश होती है। और बाद में भी सुधार हो सकेंगे। उन्होंने आश्वस्त किया कि एक बार कानूनों के लागू हो जाने के बाद, इनमें जो भी कमी होगी, वह दूर कर ली जाएगी।
मोदी ने सरकार की उपलब्धियों का उल्लेख करते हुए कहा कि सरकारी योजनाएं समाज के अंतिम व्यक्ति के लिए है। उन्होंने जनधन खाते, डिजिटल लेनदेन , उज्जवला, प्रधानमंत्री आवास और शौचालय निर्माण आदि प्रमुख कार्यक्रमों का उल्लेख करते हुए कहा कि सरकार दूरदराज के क्षेत्रों में भी लोगों को लाभ पहुंचा रही है। उन्होंने विभिन्न आंकड़ों के हवाले से कहा कि देश विभिन्न क्षेत्रों में प्रगति कर रहा है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि आर्थिक मोर्चे पर देश मजबूती के साथ आगे बढ़ रहा है। कोरोना काल में जहां पूरी दुनिया में आर्थिक गतिविधियां बंद पड़ी है। वहीं भारत में सर्वाधिक प्रत्यक्ष विदेशी निवेश आया है। दुनिया भर की नजरें भारत पर टिकी है। और देश पर दुनिया का भरोसा बढ़ रहा है। विदेशी मुद्रा भंडार रिकॉर्ड स्तर पर है। देश में खाद्यान्न का उत्पादन उच्चतम स्तर पर है।
उन्होंने कहा कि फसल बीमा योजना में छोटे किसानों को भी शामिल किया गया है। और पिछले साल इस योजना के तहत 95000 करोड़ रुपये दिये गये हैं। किसान सम्मान निधि में 10 करोड़ किसानों को लाभ मिला है। श्री मोदी ने युवाओं का आह्वान करते हुए कहा कि भारत अवसरों की भूमि है। आजादी के 75 वर्ष को प्रेरक वर्ष के रूप में लेना चाहिए और वर्ष 2047 आजादी के अवसर के सपनों को पूरा करना चाहिए।
प्रधानमंत्री मोदी ने कृषि सुधारों से जुड़े कानूनों को देश तथा किसानों के उज्जवल भविष्य के लिए जरूरी बताते हुए विपक्षी दलों , विभिन्न संगठनों और आंदोलनकारियों से अच्छे सुझाव देने तथा बातचीत के जरिये मिलकर मुद्दे का समाधान कर देश को आगे बढ़ने देने का आह्वान किया। मोदी ने कहा कि ये सुधार कृषि क्षेत्र तथा देश के उत्थान के लिए बेहद जरूरी हैं। इसलिए किसी को भी देश तथा विशेष रूप से आंदोलनकारियों को गुमराह नहीं करना चाहिए बल्कि उन्हें समझाना चाहिए साथ ही देश के विकास में बाधा बनने वाले लोगों को पहचानने की जरूरत है।
प्रधानमंत्री के जवाब के बाद सदन ने विपक्षी सदस्यों के सभी संशोधनों को नामंजूर करते हुए राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव को ध्वनिमत से पारित कर दिया। विपक्ष के सर्वश्री तिरूचि शिवा, एम षणमुगम , दीपेन्द्र हुड्डा, विशम्भर प्रसाद निषाद, छाया वर्मा, विकास रंजन और ई करीम सहित अनेक सदस्यों ने संशोधन के प्रस्ताव दिये थे। जिन्हें सदन ने ध्वनिमत से अस्वीकार कर दिया।

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