कू एप से बाहर होंगे चीन के निवेशक, बेचेंगे पूरी हिस्सेदारी
नई दिल्ली/ बीजिंग। हाल ही में चर्चा में आयी घरेलू माइक्रोब्लॉगिंग साइट कू की पेरेंट कंपनी में चीन का निवेशक अपनी हिस्सेदारी बेच बाहर निकल रहा है। कंपनी के एक शीर्ष अधिकारी ने इसकी जानकारी दी।
कू के सह-संस्थापक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी अपरामेय राधाकृष्ण ने कहा, कि अन्य निवेशकों ने चीन के निवेशकों की 9 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदने की इच्छा जाहिर की है।
उल्लेखनीय है, कि भारत सरकार और ट्विटर के बीच तनातनी के बाद कू को खासी चर्चा मिली है। इसके बाद से कू को अब तक 30 लाख बार से अधिक डाउनलोड किया जा चुका है। तथा इसके 10 लाख से अधिक सक्रिय यूजर हो चुके हैं।
कू के निवेशकों में एस्सेल पार्टनर्स, 3वन4 कैपिटल, ब्लूम वेंचर्स और कलारी कैपिटल्स शामिल हैं। इनके अलावा चीन से संबंधित वैश्विक वेंचर कैपिटल कंपनी शुनवेई ने कू की पेरेंट कंपनी बॉम्बीनेट में निवेश किया है।
राधाकृष्ण ने पीटीआई-भाषा से कहा कि शुनवेई ने मातृ कंपनी के एक अन्य ऐप वोकल के लिये निवेश किया था। तब कू की शुरुआत भी नहीं हुई थी। शुनवेई ने भारत की कई कंपनियों में निवेश किया है। जिसमें बॉम्बीनेट भी है।
राधाकृष्ण ने कहा कि कू अब राष्ट्रीय भावना का हिस्सा बन रहा है। ऐसे में कू में अब भारतीय निवेशक ही होने चाहिए।
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