जितने भी गरीबी रेखा से नीचे के लोग हैं। वो आत्महत्या करेगें या नगद पैसों के लिए गुलामी करेंगे, जानिए क्यों
कैरेकस। बाज़ार से धीरे-धीरे नगद पैसा खत्म हो रहा है। और जिनके पास नगद पैसा है। उसके आमदनी के स्रोत बंद हो गए है और वो अब अपने बचत किए नगद पैसों को खर्च नही करना चाहते, ना जाने आगे कब हालात खराब हो जाए।
बाज़ार के हालात इतने खराब कभी नही थे। यदि यही हालात 2-3 साल रह जाए तो बाज़ार से से कैश खत्म हो जायेगा और जितने भी गरीबी रेखा से नीचे के लोग हैं। वो आत्महत्या करेगें या सब कुछ छोड़ कर नगद पैसों के लिए मजदूरी (गुलामी) करेंगे।
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